सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आएँ हैं Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं, मेरे सरकार आएँ हैं,
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी, लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा, मेरे सरकार आएँ हैं,
पखारों इनके चरणों को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
सरकार आ गए हैं,
मेरे ग़रीब खाने मे,
आया है दिल को सुकून,
उनके करीब आने में,
मुदद्त से प्यासी अँखियों को,
मिला आज वो साग़र,
भटका था जिसको पाने के,
ख़ातिर इस जमाने में,
उमड़ आई मेरी ऑंखें,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रौशन मेरी गलियाँ,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सूनी दुनियाँ से,
मेरी इस सूनी दुनियाँ से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं, मेरे सरकार आएँ हैं,
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी, लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा, मेरे सरकार आएँ हैं,
मेरे सरकार आएँ हैं, मेरे सरकार आएँ हैं,
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी, लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा, मेरे सरकार आएँ हैं,
पखारों इनके चरणों को,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
सरकार आ गए हैं,
मेरे ग़रीब खाने मे,
आया है दिल को सुकून,
उनके करीब आने में,
मुदद्त से प्यासी अँखियों को,
मिला आज वो साग़र,
भटका था जिसको पाने के,
ख़ातिर इस जमाने में,
उमड़ आई मेरी ऑंखें,
देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को,
हुई रौशन मेरी गलियाँ,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
तुम आकर फिर नहीं जाना,
मेरी इस सूनी दुनियाँ से,
मेरी इस सूनी दुनियाँ से,
कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आएँ हैं, मेरे सरकार आएँ हैं,
लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी, लगे कुटियाँ भी दुल्हन सी,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आएँ हैं,
सजा दो घर को ग़ुलशन सा, मेरे सरकार आएँ हैं,
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मेरे सरकार आये हैं (सजा दो घर को गुलशन सा ) | Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa | @RajPareek
Song: Mere Sarkar Aaye Hain (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa)
Singer: Raj Pareek (9836332987)
Music: Shashikant Chaubey
Lyricist: Pankaj Agarwal
Recording: Droliaz
Album: Aa Gaya Lo Mela Mere Shyam Ka
Song: Mere Sarkar Aaye Hain (Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa)
Singer: Raj Pareek (9836332987)
Music: Shashikant Chaubey
Lyricist: Pankaj Agarwal
Recording: Droliaz
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Author - Saroj Jangir
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