श्याम सुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं लिरिक्स Shyam Sundar Sa Koi Bhi Sundar Lyrics

श्याम सुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं लिरिक्स Shyam Sundar Sa Koi Bhi Sundar Lyrics


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जिसकी आँखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्याम सुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,
जिसकी आखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्यामसुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,

उड़े जाती निराली घुँघराली लटा,
जैसे भादों के सूरज पे काली घटा,
मेरे बाँके बिहारी की न्यारी छँटा,
अति प्यारी छटा मतवारी छँटा,
बनवारी सा देखा ना मुंदर कहीं,
जिसकी आखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्यामसुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,

नैन कजरारे अधरों पे रस पान है,
दाँत मोती से फूलों सी मुस्कान है,
बोल मीठे लगे जैसे मिष्ठान हैं,
ये तो पहचान है, वो तो धनवान है,
ऐसा रंग दे सके, रंग चुकंदर नहीं,
जिसकी आखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्यामसुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,

जिसके चेहरे पे बिखरा गजब नूऱ है,
मुख मण्डल पे लालिमा भरपूर है,
रूप देखों तो लागे काहीनूर है,
बाँका दस्तूर है हरी मग़रूर है,
मेरे कान्हाँ सा दूजा मजन्दर नहीं,
जिसकी आखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्यामसुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,

नजरें हटती नहीं सोहनी सूरत है वो,
मन को मोहले जो मन मोहनी मूरत है वो,
सब ने बोला बड़ा ख़ूबसूरत है वो,
हाँ जरूत है वो शुभ मुहूर्त है वो,
अपना करले बिजन जैसा हुनर नहीं,
जिसकी आखों से गहरा समुंदर नहीं,
श्यामसुन्दर सा कोई भी सुन्दर नहीं,


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