यशोदा माँ के होयो लाल बधाई सारे भगताँ
यशोदा माँ के होयो लाल बधाई सारे भगताँ
बधाई सारे भगतां ने, बधाई सारे भगतां ने,
बाज्यो रे बाज्यों देखो थाल, बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
आज यो अगणों धन्य हुयो है, कृष्ण लल्ला को जन्म हुयो है,
नाचों रे नाचों नौ नौ ताल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
खुशखबरी या सबने सुणावां, झूमा रे नाँचा मैं तो मौज मनावां,
गोपालो लियो अवतार, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
महलां में अंगणो अंगणा में पलणों,
पलणे में झूल रह्यो यशोदा को ललनो,
नजराँ उतारा बारम्बार, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
चालो जी चालो यशोदा माता के चालां,
बालक निरखस्यां लूँण राई वारां,
आवो सजावा पूजन थाल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
यशोदा माँ के होयो लाल, बधाई सारे भगताँ ने,
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Singer: Saurabh-Madhukar
Lyricist: Shri. Ladia Ji
Music Label: Sur Saurabh Industries.
भजन परम आनन्द और उत्सव का सुंदर चित्रण है, जब माता यशोदा के आँगन में स्वयं भगवान कृष्ण बाल रूप में प्रकट होते हैं। संपूर्ण गोकुल आनंद से झूम उठता है, हर घर-आँगन में मंगल गीत गूंजने लगते हैं और भक्तजन थाल सजाकर बधाइयाँ गाने लगते हैं। यह दिन सभी के लिए परम पावन बन जाता है, क्योंकि आज गोपाल, सभी के उद्धारक, अवतरित हुए हैं। कहीं ताल पर नृत्य हो रहा है, कहीं झूला सजकर कृष्ण लल्ला उसमें झूल रहे हैं और आँखों से बुरी दृष्टि दूर करने के लिए ‘नजर उतारी’ जा रही है। इस जन्म का महत्व केवल नंद-यशोदा तक सीमित नहीं है, बल्कि समस्त संसार इसके आनंद में डूब जाता है। भक्त अपने हृदय की गहराइयों से इस बालरूप का स्वागत करते हैं और इसे ईश्वरीय अनुग्रह मानते हैं कि स्वयं भगवान ने घर-घर में मंगल और आनंद की लहर फैलाई है। इस प्रकार, यह भजन वात्सल्य और भक्तिरस से परिपूर्ण होकर जन्माष्टमी के दिव्य उत्सव और बालकृष्ण के आगमन का हर्षोल्लास प्रकट करता है।
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