आई गरबे की रुत ये सुहानी गरबा भजन

आई गरबे की रुत ये सुहानी गरबा भजन

(मुखड़ा)

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें,
गरबा करें माई, गरबा करें,
गरबा करें माई, गरबा करें,
मोरे आँगन में आओ महारानी,
आओ मिल के गरबा करें।
(अंतरा 1)

ढोल, नगाड़े, डंका बजे,
अंगना में माई के धूम मचे,
दे दो दर्शन, माँ अम्बे रानी,
आओ मिल के गरबा करें।

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें।।
(अंतरा 2)

अंगना में माई के, राम चले,
सीता चले, और लक्ष्मण चले,
हनुमान जी बजाएँ मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करें।

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें।।
(अंतरा 3)

अंगना में माई के, भोले चले,
भोले चले, माँ गौरा चले,
नंदी बजाएँ मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करें।

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें।।
(अंतरा 4)

अंगना में माई के, कृष्ण चले,
कृष्ण चले, और राधा चले,
बलदाऊ बजाएँ मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करें।

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करें,
गरबा करें माई, गरबा करें,
गरबा करें माई, गरबा करें,
मोरे आँगन में आओ महारानी,
आओ मिल के गरबा करें।
 


Aai Garbe Ki Rut Ye Suhani - Navratri Special Garba Professional Remix - आई गरबे की रुत ये सुहानी
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