जया किशोरी- ये तो प्रेम की बात है उधो बंदगी
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है,
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है,
प्रेम वालोँ ने कब वक्त पूछा,
उनकी पूजां में सुन ले ए उधों,
यहाँ दमदम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फ़ुरसत नहीं है,
ये तो प्रेम की बात है उधों,
जो भी दरबार में आया,
वो अब तुम्हारां है,
तू ही साथी, तू माँझी,
तू ही किनारा है,
जो असल में हैं मस्ती में डूबे,
उन्हें क्या परवाह ज़िंदगी की,
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,
वो हक़ीक़त में मस्ती नहीं है,
ये तो प्रेम की बात है उधों,
बंदगी तेरे बस की नहीं है,
नगरी नगरी द्वारे द्वारे,
ढूंढूँ रे साँवरिया,
ढूंढूँ रे साँवरिया,
मैं ढूंढूँ रे साँवरिया,
जिसकी नज़रों में हैं श्याम प्यारे,
वो तो रहते हैं जग से नियारे,
जिसकी नज़रों में मोहन समाएँ,
वो नजर फिर तरसती नहीं है,
ये तो प्रेम की बात है उधों,
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है,
यहाँ सर देके होते सौदे,
आशिकी इतनी सस्ती नहीं है,
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Jaya Kishori ji bhajan~ये तो प्रेम की बात है उधो... बंदगी तेरे बस की नहीं है~जया किशोरी भजन
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