अवध में राम आए हैं सजा दो घर को गुलशन सा
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं,
अवध मे राम आए है, मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आएं हैं,
पखारों इनके चरणों को, बहा कर प्रेम की गंगा,
बिछा दो अपनी पलकों को, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा,अवध मे राम आए हैं,
तेरी आहट से है वाकिफ़, नहीं चेहरे की है दरकार,
बिना देखेँ ही कह देंगे, लो आ गए है मेरे सरकार,
लो आ गए है मेरे सरकार, दुआओं का हुआ है असर,
दुआओं का हुआ है असर, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध में राम आए हैं,
अवध मे राम आए है, मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, अवध मे राम आए हैं,
सजा दो घर को गुलशन सा, अवध मे राम आएं हैं,
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BEST OF JAYA KISHORI : Saja Do Ghar Ko Gulshan Sa अवध में राम आए हैं || Jaya Kishori Bhajan
भगवान श्रीराम विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं। वे भगवान कृष्ण, परशुराम और गौतम बुद्ध के साथ विष्णु के सबसे लोकप्रिय अवतारों में से एक हैं। उनका जीवन और चरित्र आदर्श और प्रेरणा का स्रोत हैं। श्रीराम का जन्म अयोध्या नगरी में कौशल्या और राजा दशरथ के घर हुआ। राजा दशरथ कोशल राज्य के शासक थे। उनके तीन भाई थे – लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। श्रीराम का विवाह माता सीता से हुआ, जो उनकी पत्नी ही नहीं, बल्कि उनके जीवन की हर चुनौती में उनकी सहगामिनी बनीं।
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Author - Saroj Jangir
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