सावन की बरसै रिमझिम फुंहार, पेड़ों पे झूलो की लगी कतार, गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग, मैयां झूल झूल रही भोले नाथ संग,
कुहू कुहकती है कोयल, पीहू-पीहू पपीहा पुकारेँ, भोले दानी के दर्शन करने, भगत हजारो पधारें, झूलन की रुत है आई, गौरा झूल झूल रही भोले नाथ संग, मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग,
भोले बाबा के डमरुँ पे, नंदी गणपत भी झूम रहे हैं, बादलोँ को भी देखो इन पर, कैसे मोती बरसा रहे है पवन चले पुरवाई गौरा झूल झूल रही भोले नाथ संग, मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग,
देवता भी संग में आज, हो कर मगन नाँचते हैं, हाथ जोड़ इनसे, आशीर्वाद सभ माँगते हैं महिमा ये ना गाई जाए गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग, मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग, सावन की बरसै रिमझिम फुंहार, पेड़ों पे झूलो की लगी कतार, गौरा झूला झूल रही भोले नाथ संग,
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi,Tara Devi Bhajan Lyrics Hindi
मैयां झूल झूल रही भोले नाथ के संग,
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