राधे राधे नाम मुखों बोल के चलो

राधे राधे नाम मुखों बोल के चलो

राधे राधे नाम मुखों बोल के चलो, वृंदावन चलिए ~
दर बाँके बिहारी जी दा मलिये, चलो वृंदावन चलिए ~ ।।

इस बाँके न किसने बनाया है ~
स्वामी हरिदासी इस न प्रकटाया है ~
इस बाँके तो जाके बलिहारी, चलो वृंदावन चलिए ~
दर बाँके बिहारी जी दा मलिये, चलो वृंदावन चलिए ~ ।।

एह बाँके बिहारी बड़ा प्यारा है ~
एहदे रूप दा दीवाना जग सारा है ~
एहदे दर्शन ने जग तो न्यारे, चलो वृंदावन चलिए ~
दर बाँके बिहारी जी दा मलिये, चलो वृंदावन चलिए ~ ।।

इस बाँके दे जलवे कमाल ने ~
मेले लगदे रंगीले सारा साल ने ~
श्यामा कुंड बिहारी बड़े प्यारे, चलो वृंदावन चलिए ~
दर बाँके बिहारी जी दा मलिये, चलो वृंदावन चलिए ~ ।।

एथे दर ते रंग-रस वसदे ~
ढोल वजदे ते रासिक ने नचदे ~
पाए गूंजदे मधुप जयकारे, चलो वृंदावन चलिए ~
दर बाँके बिहारी जी दा मलिये, चलो वृंदावन चलिए ~ ।।



Challo Vrindavan Challiye |Tinu Singh| |Phagwara|

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Golok Dham, Gandhi Colony Mujaffar Nagar U.P, Nandotsav Bhajan Sandhya 4/09/2018 भजन लेखक : सुप्रसिद्ध भजन लेखक एवम संकीर्तन आचार्य श्री केवल कृष्ण मधुप (मधुप हरि) जी अमृतसर, पंजाब
मो : 9814668946
 
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