मनुष्य जनम अनमोल रे मिटटी में ना रोल रे लिरिक्स Manushy Jana Anmol Re Mitti Me Na Rol Lyrics

मनुष्य जनम अनमोल रे मिटटी में ना रोल रे लिरिक्स Manushy Jana Anmol Re Mitti Me Na Rol Re Lyrics Kabir Bhajan Lyrics


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मनुष्य जनम अनमोल रे,
मिटटी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं, कभी नहीं रे,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी।

तू सतसंग में आया कर,
गीत गुरु के गाया कर,
सांझ सवेरे बैठ कर बन्दे,
ध्यान गुरु का लगाया कर,

तू सतसंग में आया कर,
गीत गुरु के गाया कर,
सांझ सवेरे बैठ कर बन्दे,
ध्यान गुरु का लगाया कर,
नहीं लगता कुछ मोल रे,
मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं, कभी नहीं रे,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी,
सतगुरु साहिब बंदगी, कबीर साहिब बंदगी।

तू है बुद बुद पानी का,
मत कर जोर जवानी का,
सोच समझ कर चलना रे बन्दे,
पता नहीं जिंदगानी का,

तू है बुद बुद पानी का,
मत कर जोर जवानी का,
सोच समझ कर चलना रे बन्दे,
पता नहीं जिंदगानी का, सबसे मीठा बोल रे,

मिट्टी में ना रोल रे, अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं, कभी नहीं रे,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी,
सतगुरु साहिब बंदगी, कबीर साहिब बंदगी।

मतलब का संसार है,
इसका क्या एतबार है,
सम्भल संभल कर कदम रखो,
फूल नहीं अंगार है,
मतलब का संसार है,
इसका क्या एतबार है,
सम्भल संभल कर कदम रखो,
फूल नहीं अंगार है,
मन की आँखें खोल रे,

मिट्टी में ना रोल रे, अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं, कभी नहीं रे,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी,
सतगुरु साहिब बंदगी, कबीर साहिब बंदगी।

नुष्य जनम अनमोल रे,
मिटटी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं, कभी नहीं रे,
सतगुरु साहिब बंदगी,
कबीर साहिब बंदगी,
सतगुरु साहिब बंदगी, कबीर साहिब बंदगी।
(सत श्री साहेब आदेश)


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