मनुष्य जन्म अनमोल रे मिट्टी मैं मत घोल रे लिरिक्स Manushy Janam Anmol Re Mitti Me Mat Ghol Re Lyrics
मनुष्य जन्म अनमोल रे,
मिट्टी मैं मत घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं रे।
वीर नाम तू बोल रे,
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
तू है बुलबुला पानी का
मत कर रे जोर जवानी का
सम्भल सम्भल कर कर चलना रे बन्दे,
पता नहीं जिंदगानी का,
मीठी वाणी बोल रे,
हिल मिल के तू डौल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
मनुष्य जन्म अनमोल रे,
माटी मैं मत घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
मतलब का संसार है,
इसका नहीं एतबार है,
सोच समझ कर चलना रे भैया,
फूल नहीं अंगार है,
मिट्टी मैं मत घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं रे।
वीर नाम तू बोल रे,
जीवन में रस घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
तू है बुलबुला पानी का
मत कर रे जोर जवानी का
सम्भल सम्भल कर कर चलना रे बन्दे,
पता नहीं जिंदगानी का,
मीठी वाणी बोल रे,
हिल मिल के तू डौल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
मनुष्य जन्म अनमोल रे,
माटी मैं मत घोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं रे।
मतलब का संसार है,
इसका नहीं एतबार है,
सोच समझ कर चलना रे भैया,
फूल नहीं अंगार है,
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