जिसको नही है बोध तो गुरु ज्ञान क्या करे लिरिक्स Jisko Nahin Hai Bodh To Guru Gyan Kya Kare Lyrics

जिसको नही है बोध तो गुरु ज्ञान क्या करे लिरिक्स Jisko Nahin Hai Bodh To Guru Gyan Kya Kare Lyrics Sunita Swami Chetawani Bhajan Lyrics


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जिसको नही है बोध, तो गुरु ज्ञान क्या करे,
निज रूप को जाना नहीं, तो पुराण क्या करे।

घट-घट में ब्रह्मजोत का,प्रकाश हो रहा,
मिटा न द्वैतभाव तो, फिर ध्यान क्या करे,
जिसको नही है बोध ,तो गुरु ज्ञान क्या करे।।

रचना प्रभु की देख के, ज्ञानी बड़े बड़े,
पावे ना कोई पार तो, नादान क्या करे,
जिसको नही है बोध ,तो गुरु ज्ञान क्या करे।।

करके दया दयाल ने, मानुष जन्म दिया,
बंदा न करे भजन तो, भगवान क्या करे,
जिसको नही है बोध ,तो गुरु ज्ञान क्या करे।।

सब जीव जंतुओं में, जिसे है नहीं दया,
ब्रह्मानंद व्रत नेम, पुण्य दान क्या करे।
जिसको नही है बोध, तो गुरु ज्ञान क्या करे।।

जिसको नही है बोध, तो गुरु ज्ञान क्या करे,
निज रूप को जाना नहीं, तो पुराण क्या करे।
जिसको नही है बोध, तो गुरु ज्ञान क्या करे।।
यह चेतावनी भजन सुनीता स्वामी के द्वारा गाया गया है जिसमे गुरु के महत्त्व को बताते हुए यह बताया गया है की गुरु क्या करे यदि उसके शिष्य में ही कोई कमी हो. किताबी ज्ञान से पूर्ण पहले स्वंय को जानना और परखना आवश्यक है, निज रूप को परखना आवश्यक है. स्वंय के अन्दर बोध का होना अत्यंत ही आवश्यक है. इश्वर एक है यह बोध होना आव्श्यक्क है, यदि द्वेत्भाव नहीं मिटे तो गुरु के उपदेशों का क्या लाभ. दान पुन्य और भक्ति का क्या लाभ यदि हम दया को नहीं अपनाते है. -सत श्री कबीर साहेब.


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