धरो महावीर का ध्यान लिरिक्स Dharo Mahavir Ka Dhyan Lyrics
धरो महावीर का ध्यान लिरिक्स Dharo Mahavir Ka Dhyan Lyrics
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारे संकट विघ्न टले,बोल बजरंग,
मिट जाये अँधेरा जीवन का,
और ज्ञान का दीपक जले, बोल बजरंग।
जीवन अमोला पाया है,
ये जग झूठी माया है,
चार दिनों की देख चांदनी,
मूरख क्यों भरमाया है,
रह जाये खज़ाना यहीं धरा,
तेरे संग न कोड़ी चले, बोल बजरंग,
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
भाई बंधु सब तेरे,
सुख में रहते हैं नेड़े
देख गरजते दुःख के बादल,
सबसे पहले दूर हटे,
दुनियाँ की ऐसी रीत अँधेरा होता है,
दीपक तले, बोल बजरंग
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
काँटों से है जीवन भरा,
संभल के रखना पाँव ज़रा
उजड़ ना जाये एक पालक में,
चमन ये तेरा हरा भरा
कहे भक्त मंडल प्रभु भक्ति से तुझे,
मुक्ति का मार्ग मिले बोल, बजरंग
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारे संकट विघ्न टले,बोल बजरंग,
मिट जाये अँधेरा जीवन का,
और ज्ञान का दीपक जले, बोल बजरंग।
तुम्हारे संकट विघ्न टले,बोल बजरंग,
मिट जाये अँधेरा जीवन का,
और ज्ञान का दीपक जले, बोल बजरंग।
जीवन अमोला पाया है,
ये जग झूठी माया है,
चार दिनों की देख चांदनी,
मूरख क्यों भरमाया है,
रह जाये खज़ाना यहीं धरा,
तेरे संग न कोड़ी चले, बोल बजरंग,
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
भाई बंधु सब तेरे,
सुख में रहते हैं नेड़े
देख गरजते दुःख के बादल,
सबसे पहले दूर हटे,
दुनियाँ की ऐसी रीत अँधेरा होता है,
दीपक तले, बोल बजरंग
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
काँटों से है जीवन भरा,
संभल के रखना पाँव ज़रा
उजड़ ना जाये एक पालक में,
चमन ये तेरा हरा भरा
कहे भक्त मंडल प्रभु भक्ति से तुझे,
मुक्ति का मार्ग मिले बोल, बजरंग
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारें संकट विघ्न टले,बोल बजरंग।
धरो महावीर का ध्यान,
तुम्हारे संकट विघ्न टले,बोल बजरंग,
मिट जाये अँधेरा जीवन का,
और ज्ञान का दीपक जले, बोल बजरंग।
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