आँख्या को काजल थारो-आपके आँखों का काजल।
होठां री लाली जी-आपके होठों की लाली जी।
तो अईया की लटक ना पहल्या देखी भाली जी- ऐसी (अईया) लटक पहले कभी नहीं देखी है। देखी भाली का अर्थ है देखी परखी।
मोर मुकुट की थारे, शोभा घणेरी जी : आपके मस्तक पर मोर मुकुट है जिसकी शोभा अधिक (घणेरी) है। थारे- आपके।
तो केसर को टीको नख बेसर मतवाली जी- मस्तक पर केसर का तिलक है और आपके नाक का आभूषण भी मतवाला है। नख बेसर -नाक में पहने जाने वाला एक आभूषण, छोटी नथ।
कानां में कुण्डल थारे, गले में गलपटियो जी : आपके कानों में कुण्डल हैं और गले में दुपट्टा शोभीत है। थारे- आपके, गलपटियो-गले का पट्टा, दुपट्टा।
तो कुण्डल के नीचे, झूमे चम चम करती बाली जी- कुण्डल के निचे झूमते हुए बालिया हैं। बाली/बाला -कान में पहनने का आभूषण।
हीरा और पन्ना जड़ियो, हार जड़ाऊँ जी- आपका हार हीरो और मोतियों से जड़ित है।
तो कटी पर लटके, लट नागण जैसी काली जी- आपकी कमर पर रत्न जड़ित कमरबंद काली नागिन की भाँती से लटक रहा है।
दुलरी तिलरी भी झूलें, बाजूबंद पूँछी जी- दोहरी और तिहरी बाजूबंद भी लटक रही है।
तो फेंटो गुलनारी ज्यामें, झीणी झीणी जाली जी-आपके फेंटे (पगड़ी) में झीनी झीनी जाली शोभित है।
पीले पीताम्बर माहीं, लहर अनूठी जी- आपके वस्त्र पीले (पीतांबर) हैं जिनमे आप के वस्त्रों की अनूठी लहर उठ रही है।
तो रुणक झुणक बाजे, नूपुर नखराली जी- आपके पांवों में नूपुर छम छम (रुनक झुनक) बज रही है।
श्याम बहादुर थारा, शिव जस गावे जी- श्याम बहादुर जी आपके यश का गान करते हैं।
तो उजड़ये दिला का दाता, थे ही हो बनमाली जी-आप ही संतप्त हृदय के दाता हैं और आप ही उसके माली की भाँती रखवाले हैं।