मोपे चढ़ा श्याम का रंग रंग मोहे प्यारो

मोपे चढ़ा श्याम का रंग रंग मोहे प्यारो लगे भजन

 
मोपे चढ़ा श्याम का रंग रंग मोहे प्यारो लगे लिरिक्स Mope Chadha Shyam Ka Rang Lyrics

फागण की रुत आई,
भक्तों में खुशहाली है,
झूम रहा हर पत्ता पत्ता,
झूमें डाली हैं,
रंग बिरंगे रंगों से,
अब सज गई थाली है,
श्याम नाम की महिमा जग में,
बड़ी निराली है,
रे भैया बड़ी निराली है,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।

उड़ उड़ उड़ रंग,
मेरे माथे पे पहुँचा,
मैंने तिलक लगाए भरपूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।

उड़ उड़ उड़ रंग,
मोरे नैनन पे छाया,
मैंने दर्शन किए भरपूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।

उड़ उड़ उड़ रंग,
मेरे होठों पे आया,
मैंने भजन गाएं भरपूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।

उड़ उड़ उड़ रंग,
मेरे हाथों पे आया,
मैं तो तालिया बजाऊं भरपूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।
श्याम नाम की धजा,
आसमान में लहराती है,
ठंडी ठंडी पवन श्याम
के गीत सुनाती है,
सबकी बोली बाबा की,
जयकार लगाती है,
स्वागत में ये दुनिया,
इनके पलक बिछाती है,
पलक बिछाती है,
हाँ हाँ पलक बिछाती है।

उड़ उड़ उड़ रंग,
मेरे पैरों पे आया,
मैं तो नाचूं मगन हो झूम,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे।

ऐसो रंग चढ़ाए दियो श्यामा,
मोपे कृपा करि भरपूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मेरे दुखड़ों को कर दिया दूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मैं झूमूँ मस्ती में चूर,
रंग मोहे प्यारो लगे,
मोपे चढ़ा श्याम का रंग,
रंग मोहे प्यारो लगे। 
 

Kamaal Fagun Dhamaal - मोह पे चढ़ा श्याम का रंग मोहे प्यारो लगे | Chadha Shyam Ka Rang | Nisha Dutt

Phagan Kee Rut Aaee,
Bhakton Mein Khushahaalee Hai,
Jhoom Raha Har Patta Patta,
Jhoomate Hain,
Rang Birange Rang Se,
Ab Samajh Mein Aa Gaya Hai,
Shyaam Naam Kee Mahima Jag Mein,
Badee Niraalee Hai,
Re Bhaiya Badee Niraalee Hai,
Mope Chadha Shyaam Ka Rang,
Rang Mohe Pyaaro Lage.
"मोपे चढ़ा श्याम का रंग" एक लोकप्रिय खाटू श्याम भजन है, जिसमें भक्त अपने प्रभु श्याम के रंग में रंगने की इच्छा व्यक्त करता है। भजन में फागुन की रुत, रंग-बिरंगे रंगों से सजी थाली, और श्याम नाम की महिमा का वर्णन किया गया है। भक्त अपने माथे, नैनों, होठों, हाथों, और पैरों पर श्याम के रंग के तिलक, दर्शन, भजन, तालियाँ, और नृत्य की कल्पना करता है, जिससे उसकी भक्ति और आनंद की अभिव्यक्ति होती है।
 
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