साँवरिया के आगे मैं ऊबो कर जोड़ लिरिक्स Sanwariya Ke Aage Meaning Lyrics

साँवरिया के आगे मैं ऊबो कर जोड़ लिरिक्स Sanwariya Ke Aage Meaning Lyrics, Krishna Bhajan by Jaya Kishori Ji

यह एक राजस्थानी कृष्ण भजन है जिसे स्वर दिया है भगवत कथा वाचक जया किशोरी जी ने। यह भजन राजस्थानी भाषा का होने के कारण इसके शब्दों के अर्थ और संक्षिप्त भावार्थ निचे दिया गया है। इस भजन में नरसी जी जो श्री कृष्ण के परम भक्त हैं, नानी बाई के मायरे भरने के लिए निवेदन करते हैं और कहते हैं की उनके पास भात भरने के लिए कुछ भी नहीं है वे आएं और अपने भक्त की सहायता करे।
साँवरिया के आगे,
म्हारे गिरधारी रे आगे,
मैं ऊबो कर जोड़,
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़।

थारे भरोसे साँवरा,
नानी ने परणाई,
थारे ही भरोसे मैं तो,
करयो रे जमाई,
मायरे री तू बेला
तू आजा प्यारा दौड़,
म्हारीं गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़,
साँवरिया के आगे मैं,
ऊबो कर जोड़,
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़।

साधू संत सागे म्हारें,
गद्दी ना रजाई,
घनघोर बन में,
इब तो रात घिर आई,
गाड़ी म्हारीं टूटी,
तू आजा प्यारा दौड़,
म्हारीं गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़,
साँवरिया के आगे मैं,
ऊबो कर जोड़,
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़।

रोकड़ रुपिया कदे,
हाट ना चढ़ायो,
जीवन में नरसी श्याम,
नाम ही कमायो,
हुंडी नरसी ले री,
सिख़राजा माखनचोर,
म्हारीं गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़,
साँवरिया के आगे मैं,
ऊबो कर जोड़,
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़।

नरसी री टेर काची,
निंदा सूं जगाई,
झट उठ दौड़े ठाकुर,
गाँठड़ी उठाई,
जया भजन सुनावे,
सुने है सिरमौर,
म्हारीं गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़,
साँवरिया के आगे मैं,
ऊबो कर जोड़,
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे,
म्हारों राजा रणछोड़।

Sanwariya Ke Aage | Jaya Kishori Ji

साँवरिया के आगे मैं ऊबो कर जोड़ लिरिक्स Sanwariya Ke Aage Meaning Lyrics
साँवरिया के आगे मैं ऊबो कर जोड़ मीनिंग Sanwariya Ke Aage Bhajan Meaning.
साँवरिया के आगे-श्री कृष्ण (सांवरिया) के समक्ष (आगे) .
म्हारे गिरधारी रे आगे-
मेरे (म्हारे) गिरधारी के समक्ष।
मैं ऊबो कर जोड़- खड़ा हूँ (ऊबो ) हाथों को जोड़ कर।
म्हारी गाड़ी तो संभाले रे- मेरी गाडी को सम्भालो (नरसी जी की गाडी टूटी हुई थी )
म्हारों राजा रणछोड़- मेरे राजा रणछोड़ (श्री कृष्ण )
थारे भरोसे साँवरा- आपके (थारे) भरोसे पर ही सांवरा।
नानी ने परणाई- मैंने नानी बाई की शादी की है। परणाई का अर्थ है विवाह करना।
थारे ही भरोसे मैं तो करयो रे जमाई- मैंने आपके ही भरोसे पर जवाई चुना है, भाव है की शादी सम्पन्न की है।
मायरे री तू बेला तू आजा प्यारा दौड़- मायरा भरने के समय तुम दौड़ कर आ जाओ।
साधू संत सागे म्हारें गद्दी ना रजाई- मेरे पास कोई मदद करने वाला कोई नहीं है, मेरे साथ साधू संत ही हैं जिनके पास बिछाने के लिए कोई गद्दी और ओढ़ने के लिए रजाई नहीं है।
घनघोर बन में इब तो रात घिर आई- घनघोर वन में अब तो (इब तो ) राज होने को आई है।
गाड़ी म्हारीं टूटी तू आजा प्यारा दौड़- मेरी गाडी टूटी  हुई है आप दौड़ कर रक्षा के लिए आ जाओ।
रोकड़ रुपिया कदे हाट ना चढ़ायो- मेरे पास रोकड़, नगद रूपये नहीं है और मैं कभी भी बाजार (हाट ) नहीं गया हूँ।
जीवन में नरसी श्याम नाम ही कमायो- नरसी ने तो अपने सम्पूर्ण जीवन में श्याम का नाम ही कमाया है।
हुंडी नरसी ले री सिख़राजा माखनचोर- हे माखनचोर नरसी की हुंडी को भरो।
नरसी री टेर काची निंदा सूं जगाई- नरसी भक्त की टेर से श्री कृष्ण कच्ची नींद से जाग गए।
झट उठ दौड़े ठाकुर गाँठड़ी उठाई- ठाकुर उठ कर दौड़े और धन की गाँठड़ी को उठा लिया।
जया भजन सुनावे सुने है सिरमौर- जया किशोरी जी भजन सूना रही है और श्री कृष्ण जी (सिरमौर) सुन रहे हैं।
 
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