सांवरिया फागुन रुत है आयी रे लिरिक्स Sanwriya Fagun Rut Bhajan Lyrics
सांवरिया फागुन रुत है आयी रे लिरिक्स Sanwriya Fagun Rut Bhajan Lyrics, Radha Krishna Bhajan by कृष्णा शर्मा , सखी शर्मा
सांवरिया फागुन रुत है आयी रे,सांवरिया होली खेलन चली आयी रे,
कोरा कोरा कलश मंगाया,
रंग भर केसर घोली,
सांवरिया लुपक छुपक चली आयी रे,
बारह काली को लहँगा पहनो,
मखमल की है चोली,
रंग बिरंगी चुनर ओढ़ी पेरो की पायल खोली,
सांवरिया धीरे धीरे सांकल सरकाई रे,
सुसरा जी दरवाजे पे सोवे सासु सोवे हवेली,
बालम तो अट्टा पे सोवे चौक में नन्द हठीली,
सांवरिया मोहे निंदिया नहीं आयी रे,
खोल किवाड़ी चालन लागि जग गयी नन्द हठीली,
आधी रात में कहा चली तू ऐंठ के मोसे बोली,
सांवरिया ननद ने सास जगाई रे,
प्रेम दीवानी राधा ने कान्हा से अर्जी लगाईं,
कोई जतन चालाओ गिरधर मन में मची है होली,
सांवरिया ने इतने मुरली बजाई रे,
राधा छोड़ छाड़ सब चली आयी रे,
वृंदावन की कुंज गली में दोनों खेले होली,
लहंगा भीगे चुनर भीगे भीग गयी रे चोली,
सांवरिया मैने तेरी प्रीत निभाई रे,
सावरिया तेरी गेल चली आई रे,
कृष्ण होली भजन : सांवरिया फागुन रुत है आयी रे लिरिक्स के साथ
भजन गायिका : कृष्णा शर्मा , सखी शर्मा
चेंनल की मालकिन : सखी शर्मा
लेखिका : कृष्णा शर्मा