कायेन : काया, जीव का स्थूल ढाँचा, देह, शरीर, Human Body. वाचा : वाणी, बोली, ज़बान, बोल चाल, बोल चाल की ज़बान Speech. मनसेंद्रियैर्वा : (मनसेंद्रियैर्वा- इसे ऐसे समझें : मनस -मन , इन्द्रिय - इन्द्रियों से व- और ) बुद्ध्यात्मना : (बुद्धि - समझ, विचार, विवेक, आत्मन : आत्मा, हृदय, चित्त ) वा : और/And. प्रकृतिस्वभावात् : (प्रकृति-नेचर, स्वभाव, स्वभाव-आदत ) करोमि : मैं करता हूँ। यद्यत् जो कुछ भी है। सकलं : जो भी है, सम्पूर्ण।
परस्मै : दूसरा। नारायणायेति : श्री हरी, नारायण भगवान्। समर्पयामि : अर्पित है, समर्पित है।
कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा हिंदी मीनिंग
हे नारायण, श्री हरी मैं अपने तन, वचन, मन, इन्द्रियों से, बुद्धि से, आत्मा से जो भी घटित हो रहा है वह मैं आपको समर्पित करता हूँ। यह प्राकृतिक रूप से या मेरे मन के विचारों के कारण हो रहा है वह आपको अर्पित है। मैं यह सभी श्री नारायण के चरण कमल पर समर्पित करता हूँ। भाव है की साधक के द्वारा जो भी कुछ ज्ञात रूप में और अज्ञात रूप में किया गया है वह सभी ईश्वर को समर्पित है। Whatever I do (Perform), with my body, speech, Mind or Sense, using my Intellect, natural tendencies of my Mind, Whatever I do, I do all for others I Surrender them all at the Lotus Feet of Sri Narayana, I dedicate it all to that Supreme Lord Narayana.
Kayen Vacha With Lyrics | Alka Yagnik | Shri Vishnu Mantra | Shri Vishnu Song | Shri Narayan Mantra
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। मंगलम भगवान् विष्णु
Alka Yagnik Bhajan Lyrics,Strot Lyrics Hindi
मंगलम गरुड़ध्वजः | मंगलम पुन्डरी काक्षो मंगलायतनो हरि || सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके | शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते || त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव
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