मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ भजन Main Gyanand Swabhavi Hu Jain Bhajan
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं हूँ अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझ में कुछ गंध नहीं।
मैं अरस अरूपी अस्पर्शी, पर से कुछ भी संबंध नहीं।।
मैं हूँ अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझ में कुछ गंध नहीं।
मैं अरस अरूपी अस्पर्शी, पर से कुछ भी संबंध नहीं।।
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं रंग राग से भिन्न, भेद से भी मैं भिन्न निराला हूँ।
मैं हूँ अखंड चैतन्य पिंड, निज रस में रमने वाला हूँ।।
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं ही मेरा कर्ता धर्ता, मुझमें पर का कुछ काम नहीं।
मैं मुझ में रहने वाला हूँ, पर में मेरा विश्राम नहीं।।
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं शुद्ध बुद्ध अविरुद्ध एक, पर परिणति से अप्रभावी हूँ।
आत्मानुभूति से प्राप्त तत्त्व, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।।
मैं ज्ञानानन्द स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ Mei Gyananand Swabhavi Hoon Jain Bhajan
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Apane Aap Mein Purn Hun, Par Ki Mujh Mein Kuchh Gandh Nahin Hai.
Main Aras Arupi Sacharshi, Par Se Kuchh Bhi Sambandh Nahin ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Rang Raag Se Bhinn, Bhinn Se Bhi Main Bhinn Avy Hun Hun.
Main Akhand Chaitany Pind, Niji Ras Mein Ramane Vaala Hun ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Hi Mera Karta Dharta, Mujhement Par Ka Kuchh Kaam Nahin.
Main Mujh Mein Rahane Vaala Hun, Par Mein Mera Vishraam Nahin ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Shuddh Buddh Aviruddh Ek, Par Parinati Se Aprabhaavi Hun.
Aatmaanubhav Se Praapt Tattv, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Aras Arupi Sacharshi, Par Se Kuchh Bhi Sambandh Nahin ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Rang Raag Se Bhinn, Bhinn Se Bhi Main Bhinn Avy Hun Hun.
Main Akhand Chaitany Pind, Niji Ras Mein Ramane Vaala Hun ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Hi Mera Karta Dharta, Mujhement Par Ka Kuchh Kaam Nahin.
Main Mujh Mein Rahane Vaala Hun, Par Mein Mera Vishraam Nahin ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
Main Shuddh Buddh Aviruddh Ek, Par Parinati Se Aprabhaavi Hun.
Aatmaanubhav Se Praapt Tattv, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun ..
Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun, Main Gyaanaanand Svabhaavi Hun.
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं हूँ अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझ में कुछ गंध नहीं।
मैं अरस, अरूपी, अस्पर्शी, पर से कुछ भी संबंध नहीं।।
मैं रंग-राग से भिन्न, भेद से, भी मैं भिन्न निराला हूँ।
मैं हूँ अखंड, चैतन्यपिण्ड, निज रस में रमने वाला हूँ।।
मैं ही मेरा कर्त्ता-धर्त्ता, मुझ में पर का कुछ काम नहीं।
मैं मुझ में रहने वाला हूँ, पर में मेरा विश्राम नहीं।।
मैं शुद्ध, बुद्ध, अविरुद्ध, एक, पर परिणति से अप्रभावी हूँ।
आत्मानुभूति से प्राप्त तत्त्व, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।।
मैं ज्ञानानन्द स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
मैं हूँ अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझ में कुछ गंध नहीं।
मैं अरस, अरूपी, अस्पर्शी, पर से कुछ भी संबंध नहीं।।
मैं रंग-राग से भिन्न, भेद से, भी मैं भिन्न निराला हूँ।
मैं हूँ अखंड, चैतन्यपिण्ड, निज रस में रमने वाला हूँ।।
मैं ही मेरा कर्त्ता-धर्त्ता, मुझ में पर का कुछ काम नहीं।
मैं मुझ में रहने वाला हूँ, पर में मेरा विश्राम नहीं।।
मैं शुद्ध, बुद्ध, अविरुद्ध, एक, पर परिणति से अप्रभावी हूँ।
आत्मानुभूति से प्राप्त तत्त्व, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।।
मैं ज्ञानानन्द स्वभावी हूँ, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूँ।
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