पाँणी ही तें हिम भया हिम ह्नै गया बिलाइ हिंदी मीनिंग Paani Hi Te Him Bhaya Hindi Meaning Kabir Ke Dohe
पाँणी ही तें हिम भया हिम ह्नै गया बिलाइ हिंदी मीनिंग Paani Hi Te Him Bhaya Hindi Meaning, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.
पाँणी ही तें हिम भया, हिम ह्नै गया बिलाइ।
जो कुछ था सोई भया, अब कछू कह्या न जाइ॥
जो कुछ था सोई भया, अब कछू कह्या न जाइ॥
Paani Hi Te Him Bhaya, Him Hane Gaya Bilaai,
Jo Kuch Tha Soi Bhaya, Aub Kachu Kahaya Na Jaai
पाँणी : पानी.
ही तें : ही से (पानी से ही )
हिम भया : बर्फ बन गई है.
हिम ह्नै गया : हिम पुनः पिघल कर पानी बन है है.
जो कुछ था सोई भया : जो कुछ था वही हुआ.
अब कछू कह्या न जाइ : अब कुछ कहा नहीं जा सकता है.
ही तें : ही से (पानी से ही )
हिम भया : बर्फ बन गई है.
हिम ह्नै गया : हिम पुनः पिघल कर पानी बन है है.
जो कुछ था सोई भया : जो कुछ था वही हुआ.
अब कछू कह्या न जाइ : अब कुछ कहा नहीं जा सकता है.
कबीर दोहा हिंदी मीनिंग / Kabir Doha Hindi Meaning.
एक रोज आत्मा अपने मूल स्वरुप में पुनः लौट जाती है. इसलिए परमात्मा का अंश होने के कारण परमात्मा का वास आत्मा में ही बताया गया है.
पानी से हिम बनता है और फिर हिम पिघल कर पानी में बदल जाता है। यह एक चक्र है जो अनंत काल से चल रहा है। आत्मा भी ब्रह्म का अंश है। जब आत्मा शरीर से मुक्त हो जाती है, तो वह फिर से ब्रह्म में लीन हो जाती है। यह भी एक चक्र है जो अनंत काल से चल रहा है।
आत्मा और परमात्मा में अंतर केवल नाम का है। आत्मा परमात्मा का एक अंश है। जैसे बर्फ पानी की एक अवस्था है, वैसे ही आत्मा परमात्मा की एक अवस्था है। संत कबीर के दोहे का यह अर्थ है कि संसार में सब कुछ परिवर्तनशील है। जो कुछ था, वही है और वही होगा। आत्मा भी इस परिवर्तनशीलता से अछूती नहीं है। आत्मा को भी एक दिन ब्रह्म में लीन होना है। इस दोहे से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें इस परिवर्तनशील संसार में मोह नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा अपने मूल स्वरुप को याद रखना चाहिए।
Pani hit him bhaiya him have a Gaya bhilai Jo kuchh tha sorry bhaiya ab kuchh Kaha Na jaaye
कौंन से अलंकार है ये
Correct
Kon sa chand hai
इस दोहे में कौन सा अलंकार है ?
kon sa alankar h
अलंकार कौन सा है इसमें
कौन सा अलंकार है
अलंकार कौन सा है?