ओम जय श्री विश्वकर्मा भजन लिरिक्स Om Jay Shri Vishwakarma Aarti Lyrics

ओम जय श्री विश्वकर्मा भजन लिरिक्स Om Jay Shri Vishwakarma Aarti Lyrics

भगवान श्री विश्वकर्मा निर्माण और सृजन के देव माने जाते हैं। समस्त जगत/श्रष्टि का निर्माण श्री विश्वकर्मा जी भगवान ने ही किया है, अर्थात श्री विश्वकर्मा जी सृजन देव हैं। चारों युगों में श्री विश्वकर्मा जी ने अनेकों भवन और नगरों का निर्माण किया। ऋग्वेद मे विश्वकर्मा सुक्त के नाम से 11 ऋचाओ का वर्णन प्राप्त होता है। महर्षि अंगिरा के ज्येष्ठ पुत्र बृहस्पति थे और उनकी बहन भुवना जो ब्रह्मविद्या जानने वाली थी वह अष्टम् वसु महर्षि प्रभास की पत्नी बनी  तथा उससे सम्पुर्ण शिल्प विद्या के ज्ञाता प्रजापति विश्वकर्मा का जन्म हुआ। प्रभास पुत्र विश्वकर्मा जी की पूजा आपके लिए निश्चित ही फलदाई होती है।
प्रजापति विश्वकर्मा विसुचित।
बृहस्पते भगिनी भुवना ब्रह्मवादिनी।
प्रभासस्य तस्य भार्या बसूनामष्टमस्य च।
विश्वकर्मा सुतस्तस्यशिल्पकर्ता प्रजापतिः॥
विशवतः चक्षुरुत विश्वतोमुखो विश्वतोबाहुरुत विश्वस्पात
माघे शुकले त्रयोदश्यां दिवापुष्पे पुनर्वसौ।
अष्टा र्विशति में जातो विशवकमॉ भवनि च॥
विवाहदिषु यज्ञषु गृहारामविधायके।
सर्वकर्मसु संपूज्यो विशवकर्मा इति श्रुतम॥
ओम जय श्री विश्वकर्मा
ओम जय श्री विश्वकर्मा,
प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के करता (कर्ता),
रक्षक श्रुति धर्मा,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

आदि सृष्टि मे विधि को,
श्रुति उपदेश दिया,
जीव मात्र का जग में,
ज्ञान विकास किया,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

ऋषि अंगीरा तप से,
शांति नहीं पाई,
ध्यान किया जब प्रभु का,
सकल सिद्धि आई,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

रोग ग्रस्त राजा ने,
जब आश्रय लीना,
संकट मोचन बनकर,
दूर दुःखा कीना,
ओम जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

जबरथकार दंपति,
तुम्हारी टेर करी,
सुनकर दीन प्रार्थना,
विपत हरी सगरी,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

एकानन चतुरानन,
पंचानन राजे,
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज,
सकल रूप साजे,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

ध्यान धरे तब पद का,
सकल सिद्धि आवे,
मन द्विविधा मिट जावे,
अटल शक्ति पावे,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

श्री विश्वकर्मा की आरती,
जो कोई गावे,
भजत गजानांद स्वामी,
सुख संपाति पावे,
ओम जय श्री विश्वकर्मा।

श्री विस्वकर्मा  जी आरती  
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा,
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक स्तुति धर्मा॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया,
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।
विश्वकर्मा मंत्र (Vishwakarma Mantra)
ओम आधार शक्तपे नम:।
ओम् कूमयि नम:।
ओम अनन्तम नम:।
पृथिव्यै नम: मंत्र।

ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई,
ध्यान किया जब प्रभु का , सकल सिद्ध आई॥  
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

रोग ग्रस्त राजा ने जब आश्रय लीना,
संकट मोचन बनकर दूर दु:ख किना॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

जब रथकार दम्पति, तुम्हारी टेर करी,
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी ॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे,
द्विभुज, चतुर्भुज, दशभुज, सकल रूप साजे ॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

ध्यान धरे जब  पद का, सकल सिद्दी आवे,
मन दुविधा  मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती जो कोई गावे,
कहत गजानंद स्वामी, सुख सम्पति पावे ॥
ॐ जय जय श्री विश्वकर्मा।

श्री विश्वकर्मा जी आरती | Vishwakarma Aarti | Dinesh Mali | FULL Audio | Rajasthani Bhakti Song

Om Jay Shree Vishvakarma,
Prabhu Jay Shree Vishvakarma.
Sakal Srshti Ke Karata (Karta),
Rakshak Shruti Dharma,
Om Jay Shree Vishvakarma.


Aadi Srshti Me Vidhi Ko,
Shruti Upadesh Diya,
Jeev Maatr Ka Jag Mein,
Gyaan Vikaas Kiya,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Rshi Angeera Tap Se,
Shaanti Nahin Paee,
Dhyaan Kiya Jab Prabhu Ka,
Sakal Siddhi Aaee,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Rog Grast Raaja Ne,
Jab Aashray Leena,
Sankat Mochan Banakar,
Door Duhkha Keena,
Om Jay Shree Vishvakarma Prabhu,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Jabarathakaar Dampati,
Tumhaaree Ter Karee,
Sunakar Deen Praarthana,
Vipat Haree Sagaree,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Ekaanan Chaturaanan,
Panchaanan Raaje,
Tribhuj Chaturbhuj Dashabhuj,
Sakal Roop Saaje,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Dhyaan Dhare Tab Pad Ka,
Sakal Siddhi Aave,
Man Dvividha Mit Jaave,
Atal Shakti Paave,
Om Jay Shree Vishvakarma.

Shree Vishvakarma Kee Aaratee,
Jo Koee Gaave,
Bhajat Gajaanaand Svaamee,
Sukh Sampaati Paave,
Om Jay Shree Vishvakarma.
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