प्रीतम मेरे मन माही लिरिक्स मीनिंग Pritam Mere Man Mahi Lyrics Meaning प्रीतम तुम मेरे हृदय च बसिया

प्रीतम मेरे मन माही लिरिक्स मीनिंग Pritam Mere Man Mahi Lyrics Meaning Singer:Students of Krishnalya Music Academy

सर से लेकर पाँव तक,
तनवीर ही तनवीर है,
वो मुसव्विर कैसा होगा,
जिसकी यह तश्वीर है,
(सोचती है दिल में दुनिया नूर-ए अहमद देखकर
वोह मुसव्विर कैसा होगा जिसकी यह तस्वीर है)
देना है तो निगाह को ऐसी रसाई दे
मैं देखता हूँ आइना तो मुझे तू दिखाई दे (कृष्ण बिहारी 'नूर')
कुछ ऐसा ताल मेल सुकूत-ओ-सदा में हो,
तुझको पुकारूँ मैं तो तुझी को सुनाई दे।

मेरे राम,
अल्लाह,
वाहे गुरु।
प्रीतम तुम मेरे,
हृदय च बसिया,
मैं लबदा रहा पर,
किसे ना दसिया,
मैं तेरा हाँ तेरा ही,
बनके रहूँगा,
मैं गुरुआ दी सिखियाँ,
मन्न के रहूँगा।
सब दुखियाँ दी सेवा ही,
मेरा धरम है,
निभावा धरम ऐ भी,
तेरा ही करम है,
इशारे बिना तेरे,
पत्ता नहीं हिलदा,
जो कर्मा च ना होवे,
ओ वी है मिलदा,
तेरा नाम मेरे,
तन मन च (विच) बसिया,
प्रीतम तुम मेरे,
हृदय च बसिया।

जो हर वेळे गावे,
प्रभु नाम तेरा,
जीवन च उसदे,
ना होवे  हनेरा,
जाण गया तेरी,
माया नूं, जो भी,
आक्खे ओ तेनु,
तू मेरा, मैं तेरा,
हर रूप च वेखा,
तेरी ही सूरत,
मैं दिल विच बसा लइ है,
तेरी ही मूरत,
तेरी ही मूरत,
मैं लग के तेरी लड़,
बुराइयों च नसिया,
प्रीतम तुम मेरे,
हृदय च बसिया।

हरे कृष्णा, हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे,
हरे रामा हरे रामा,
रामा रामा हरे हरे।
सतनाम वाहेगुरु,
सतनाम वाहेगुरु,
मेरे अल्लाह, अल्लाह,
अल्लाह। 

प्रीतम मेरे मन माही लिरिक्स मीनिंग Pritam Mere Man Mahi Lyrics Meaning in Hindi.

सर से लेकर पाँव तक, तनवीर ही तनवीर है : तनवीर-प्रकाश, ज्योति, रौशनी, चमक  tanviir (تَنْوِیر) मेरे सर से पाँव तक रौशनी ही रौशनी है। यह रौशनी ईश्वर की भक्ति का प्रकाश है। इस प्रकाश में जीवन का सम्पूर्ण सत्य स्पष्ट नजर आने लगता है और व्यक्ति सदा अपने मालिक का ही सुमिरण करता है।
वो मुसव्विर कैसा होगा, जिसकी यह तश्वीर है : वह चित्रकार ( मुसव्विर- तसवीर खींचने या बनानेवाला, चित्रकार ) कैसा होगा जिसकी यह तश्वीर है। जिसने भी इस श्रष्टि की रचना की है, चित्रकारी की है वह चित्रकार कैसा होता। भाव है की वह बहुत ही सुन्दर है क्योंकि उसकी रचना भी अधिक सुन्दर है।
(सोचती है दिल में दुनिया नूर-ए अहमद देखकर
वोह मुसव्विर कैसा होगा जिसकी यह तस्वीर है)
देना है तो निगाह को ऐसी रसाई दे : हे ईश्वर हमें ऐसा सामर्थ्य (रसाई-कामयाब करना, कुशलता देना, कामयाब बनाना, बारयाब करना, पहुंचाना ) दे, हमारी निग़ाहों को ऐसा हुनर दे जिससे की।
मैं देखता हूँ आइना तो मुझे तू दिखाई दे (कृष्ण बिहारी 'नूर') : यदि मैं आईने में खुद को भी देखूं तो तू ही हमें दिखाई दे। भक्ति में साधक इतना घुल मिल जाए की उसे अन्य कुछ भी दिखाई नहीं दे।
कुछ ऐसा ताल मेल सुकूत-ओ-सदा में हो : मेरे अकेलेपन में (सुकूत -नीरवता, सन्नाटा, ख़ामोशी, मौन, चुप्पी, खामोशी, सन्नाटा ), दुःख में।
तुझको पुकारूँ मैं तो तुझी को सुनाई दे : मैं आपको पुकारूँ और केवल आपको ही सुनाई दे। यह भक्ति की चरम अवस्था होती है जहाँ पर भक्त और साध्य दोनों के मध्य का भेद/दूरियां समाप्त हो जाती हैं।
मेरे राम, अल्लाह, हे गुरु : ईश्वर को किसी भी नाम से पुकारा जाए, वह शक्ति एक ही है।
प्रीतम तुम मेरे, हृदय च बसिया : हे ईश्वर आप ही मेरे प्रीतम हैं, प्रिय हैं और आप मेरे हृदय में बसे हो।
मैं लबदा रहा पर, किसे ना दसिया : मैं आपको ढूंढता (लबदा ) रहा, आपको खोजता रहा लेकिन मुझे किसी ने नहीं बताया (दसिया).
मैं तेरा हाँ तेरा ही,  बनके रहूँगा : हे ईश्वर मैं आपका हूँ और आपका ही बनकर रहूँगा।
मैं गुरुआ दी सिखियाँ, मन्न के रहूँगा : गुरुओं के द्वारा प्रदत्त शिक्षाओं को मैं मान कर रहूँगा।
सब दुखियाँ दी सेवा ही, मेरा धरम है : सभी दुखी जन की सेवा ही मेरा धर्म है।
निभावा धरम ऐ भी, तेरा ही करम है : मैं मेरा यह धर्म निभा पाऊं यह आपका ही करम है, प्रभाव और आशीर्वाद है।
इशारे बिना तेरे, पत्ता नहीं हिलदा : आपके ईशारे के बिना एक पत्ता भी हिल नहीं सकता है।
जो कर्मा च ना होवे, ओ वी है मिलदा : जो कर्म और लेख में नहीं होता है वह भी आपके आशीर्वाद से प्राप्त होता है।
तेरा नाम मेरे, तन मन च (विच) बसिया : तेरा ही नाम मेरे मन में बसा है (विच/च-के अंदर)
प्रीतम तुम मेरे, हृदय च बसिया : आप ही मेरे प्रीतम हो और आप ही मेरे हृदय में बसे हुए हैं।
जो हर वेळे गावे,  प्रभु नाम तेरा : जो हर समय प्रभु आपका ही नाम का सुमिरण करता है, गाता है।
जीवन च उसदे, ना होवे  हनेरा : उसके जीवन में कभी अँधेरा नहीं हो सकता है।
जाण गया तेरी, माया नूं, जो भी : जो भी आपकी माया को जान गया है।
आक्खे ओ तेनु, तू मेरा, मैं तेरा : वह आपको अपना कहता है।
हर रूप च वेखा, तेरी ही सूरत : श्रष्टि एक हर रूप में मैं आपकी ही सूरत को देखता हूँ।
मैं दिल विच बसा लइ है, तेरी ही मूरत : मैंने दिल में आपकी सूरत को बसा लिया है।
तेरी ही मूरत : आपकी ही मूरत को मैंने हृदय में बसा लिया है।
मैं लग के तेरी लड़ : मैं आपके साथ लगकर, साथ पाकर।
बुराइयों च नसिया : बुराइयों से दूर हुआ हूँ (नसिया-भागना, छोड़ना )

प्रीतम मेरे मन माही | Pritam Mere Man Mahi (Satsangi Bhajan) by Students of Krishnalya Music Academy

Sar Se Lekar Paanv Tak,
Tanavir Hi Tanavir Hai,
Vo Musavvir Kaisa Hoga,
Jisaki Yah Tashvir Hai,
(Sochati Hai Dil Mein Duniya Nur-e Ahamad Dekhakar
Voh Musavvir Kaisa Hoga Jisaki Yah Tasvir Hai)
Dena Hai To Nigaah Ko Aisi Rasai De
Main Dekhata Hun Aaina To Mujhe Tu Dikhai De (Krshn Bihaari Nur)
Kuchh Aisa Taal Mel Sukut-o-sada Mein Ho,
Tujhako Pukaarun Main To Tujhi Ko Sunai De.

Mere Raam,
Allaah,
Vaahe Guru.
Pritam Tum Mere,
Hrday Ch Basiya,
Main Labada Raha Par,
Kise Na Dasiya,
Main Tera Haan Tera Hi,
Baanke Rahunga,
Main Gurua Di Sikhiyaan,
Mann Ke Rahunga.
Sab Dukhiyaan Di Seva Hi,
Mera Dharam Hai,
Nibhaava Dharam Ai Bhi,
Tera Hi Karam Hai,
Ishaare Bina Tere,
Patta Nahin Hilada,
Jo Karma Ch Na Hove,
O Vi Hai Milada,
Tera Naam Mere,
Tan Man Ch (Vich) Basiya,
Pritam Tum Mere,
Hrday Ch Basiya.

Jo Har Vele Gaave,
Prabhu Naam Tera,
Jivan Ch Usade,
Na Hove  Hanera,
Jaan Gaya Teri,
Maaya Nun, Jo Bhi,
Aakkhe O Tenu,
Tu Mera, Main Tera,
Har Rup Ch Vekha,
Teri Hi Surat,
Main Dil Vich Basa Lai Hai,
Teri Hi Murat,
Teri Hi Murat,
Main Lag Ke Teri Lad,
Buraiyon Ch Nasiya,
Pritam Tum Mere,
Hrday Ch Basiya.

Hare Krshna, Hare Krshna,
Krshna Krshna Hare Hare,
Hare Raama Hare Raama,
Raama Raama Hare Hare.
Satanaam Vaaheguru,
Satanaam Vaaheguru,
Mere Allaah, Allaah,
Allaah.
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