भगति रा मारग दूजा रै संतो Bhagati Ra Marag Duja Rajasthani Bhajan
इस चेतावनी भजन में सन्देश है की वास्तविक भक्ति का मार्ग प्रचलित प्रथाओं और पद्धतियों से पृथक है। भक्ति बाहरी और दिखावे की वस्तु नहीं होती है यह पूर्ण रूप से आत्मिक और मानसिक होती है। बाहरी रूप से किए गए कार्य और सांसारिक कार्य महज दिखावा होता है और कुछ नहीं। जैसे ईंटों से मंदिर तो बना कर ईश्वर को ढूँढना व्यर्थ है क्योंकि जो आदि शक्ति है उसका तो ज्ञान ही नहीं है। ज्ञान के अभाव में लोग पूजा करते हुए ही मरते रहते हैं, व्यर्थ के कार्य करते हैं।
अजगर करे ना चाकरी,
ने पंछी करे ना काम,
दास मलूका यूँ कहे,
तो सबके दाता राम।
भगति रा मारग दूजा रै संतो,
भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कबीर कहवे भक्ति रा मार्ग दूजा।
ईंट पड़ाय ने मंदिर चुणाया,
अनेक शीव में जोया,
आदू शिव री खबर ना पाई,
पूजा करे करे मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कबर ख़ुदाई ने मजीद बनाई ,
अनेक पीर में जोया।
आदू पीर री खबर नी पाई ,
बाँग पड़े पड़े मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कान फड़ाय ने कुण्डल पहरे,
अनेक जोगी में जोया,
आदु जोगी री खबर नहीं पाई,
टुकड़ा माँग माँग मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
डाकला वगाडे ने हाकला पाड़े,
भेद नी जाणे भुआ,
कहत कबीर सुणो रे भाई साधु,
भोपा धुणे धुणे मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
ने पंछी करे ना काम,
दास मलूका यूँ कहे,
तो सबके दाता राम।
भगति रा मारग दूजा रै संतो,
भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कबीर कहवे भक्ति रा मार्ग दूजा।
ईंट पड़ाय ने मंदिर चुणाया,
अनेक शीव में जोया,
आदू शिव री खबर ना पाई,
पूजा करे करे मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कबर ख़ुदाई ने मजीद बनाई ,
अनेक पीर में जोया।
आदू पीर री खबर नी पाई ,
बाँग पड़े पड़े मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
कान फड़ाय ने कुण्डल पहरे,
अनेक जोगी में जोया,
आदु जोगी री खबर नहीं पाई,
टुकड़ा माँग माँग मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
डाकला वगाडे ने हाकला पाड़े,
भेद नी जाणे भुआ,
कहत कबीर सुणो रे भाई साधु,
भोपा धुणे धुणे मुआ,
साधु भाई भगति रा मारग दूजा,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ ,
रे साधो भाई,
भगति रा मारग दूजा।
भक्ती रा मारग दुजा रे संन्तो । bhakti ra marag duja re santo । प्रकाश माली भजन । Parkash mali bhajan
Ne Panchhi Kare Na Kaam,
Daas Maluka Yun Kahe,
To Sabake Daata Raam,
Bhagati Ra Maarag Duja Rai Santo,
Bhagati Ra Maarag Duja,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Re Saadho Bhai,
Bhagati Ra Maarag Duja.
Kabir Kahave Bhakti Ra Maarg Duja.
int Padaay Ne Mandir Chunaaya,
Anek Shiv Mein Joya,
Aadu Shiv Ri Khabar Na Pai,
Puja Kare Kare Mua,
Saadhu Bhai Bhagati Ra Maarag Duja,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Thodi Samajh Pakad Man Sua ,
Re Saadho Bhai,
Bhagati Ra Maarag Duja.
Kabar Khudai Ne Majid Banai,
Anek Pir Mein Joya,
Aadu Pir Ri Khabar Ni Pai,
Baang Pade Pade Mua,
Saadhu Bhai Bhagati Ra Maarag Duja,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Re Saadho Bhai,
Bhagati Ra Maarag Duja.
Kaan Phadaay Ne Kundal Pahare,
Anek Jogi Mein Joya,
Aadu Jogi Ri Khabar Nahin Pai,
Tukada Maang Maang Mua,
Saadhu Bhai Bhagati Ra Maarag Duja,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Thodi Samajh Pakad Man Sua,
Re Saadho Bhai,
Bhagati Ra Maarag Duja.
Daakala Vagaade Ne Haakala Paade,
Bhed Ni Jaane Bhua,
Kahat Kabir Suno Re Bhai Saadhu,
Bhopa Dhune Dhune Mua,
Saadhu Bhai Bhagati Ra Maarag Duja,
Thodi Samajh Pakad Man Sua ,
Thodi Samajh Pakad Man Sua ,
Re Saadho Bhai,
Bhagati Ra Maarag Duja.
Author - Saroj Jangir
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