काया नगर रा राम लिरिक्स मीनिंग Kaaya Nagar Ra Raam Lyrics Meaning

काया नगर रा राम लिरिक्स मीनिंग Kaaya Nagar Ra Raam Lyrics Meaning, Rajasthani Devotional Bhajan by Prakash Mali (Rajasthani/Marwadi Bhajan Meaning Hindi)



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कबीर साहेब के विचारों से प्रेरित यह सुन्दर मारवाड़ी भजन है जिसे स्वर दिया है प्रकाश माली जी ने। इस भजन में राजस्थानी भाषा का उपयोग हुआ है इस कारण से इसका हिंदी अर्थ/हिंदी मीनिंग निचे दिया गया है। आशा है आपको अवश्य ही पसंद आएगा।
साँझ पड़ी दिन आथणयो,
तो चकवी दीना रोक,
चल चकवा उण देश में,
जहाँ रैण दिवस नहीं होय।

जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम,
काया नगर रा राम रै,
गाड़ी वाला राम,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

गाड़ी म्हारी रंग रंगीली,
पहिया लाल गुलाल,
हांकण वालो छैल छबीलो,
बैठण वालो राम,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

गाड़ी ऊबी रेत रे माई,
मंजिल बड़ी है दूर,
धरमी धरमी पार उतरीयां,
पापी चकनाचूर,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

देश देश रा वैद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी,
जड़ी बूटी म्हारे काम नी आई,
म्हारे राम घरा सूं टूटी,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

चार जणा मिल मत्तो बणायो,
बांधी काठ की डोली,
जाय उतारी मसाणा में,
फूँक दिनी रे होळी,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

घर की तिरिया यूँ उठ बोली,
म्हारी जोड़ी कुण तोड़ी,
कहेे कबीर सुणों भाई साधू,
जिण जोड़ी तिन तोड़ी,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।

जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम।
काया नगर रा राम मारे,
गाड़ी वाला राम,
ज़रा धीरे, धीरे धीरे,
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै,
काया नगर रा राम। 

काया नगर रा राम लिरिक्स मीनिंग Kaaya Nagar Ra Raam Lyrics Meaning, Rajasthani Devotional Bhajan by Prakash Mali (Rajasthani/Marwadi Bhajan Meaning Hindi)

साँझ पड़ी दिन आथणयो : सांझ हो चुकी है और दिन अस्त होने वाला है। आथणयो-अस्त होना, दिवस समाप्त होकर रात्रि की शुरुआत होना।
तो चकवी दीना रोक : चकवी (फीमेल चकवा पक्षी-चक्रवाक पक्षी ) ने चकवे को रोक दिया। रात्रि को चकवा और चकवी बिछड़ जाते हैं। निशाकाल से चिर अभिशापित चकवा-चकवी को कहा गया है।
चल चकवा उण देश में, जहाँ रैण दिवस नहीं होय : चकवी चकवे से कहती है की उस देस में चलो जहाँ पर दिन और रात नहीं होते हों। यह संसार दिन रात्रि, जन्म और मरण के चक्र से बंधा हुआ है। इससे छूटने का एक ही माध्यम है हरी के नाम का सुमिरण।
जरा धीरे गाड़ी हाँको रै, काया नगर रा राम : काया रूपी नगर के राम (हृदय) इस शरीर रूपी गाड़ी को धीरे धीरे चलाओ। हाँकों- जैसे पशुओं को हाँक कर आगे बढ़ने का इशारा किया जाता है।
काया नगर रा राम रै, गाड़ी वाला राम : इस गाडी के स्वामी, गाडी को जरा आहिस्ते चलाओ। गाडी को धीरे चलाने से आशय है की की सोच समझकर राह का चयन करो, अन्यथा मंजिल नहीं मिलने वाली है।
गाड़ी म्हारी रंग रंगीली, पहिया लाल गुलाल : मेरी गाड़ी रंग बिरंगी है और इसके लाल गुलाल रंग के पहिए हैं।
हांकण वालो छैल छबीलो, बैठण वालो राम : हांकने वाला (आत्मा) चैल छबीली है और इसमें मेरे स्वामी (राम) बैठते हैं।
गाड़ी ऊबी रेत रे माई, मंजिल बड़ी है दूर : गाड़ी रेत में जाकर खड़ी हो गई है और मंजिल बड़ी दूर है। ऊबी -खड़ी। यहाँ खड़ी होने से आशय है की सांसारिक माया जाल में जीवन रूपी गाडी फंस गई है।
धरमी धरमी पार उतरीयां, पापी चकनाचूर : जिन लोगों ने धर्म का सहारा लिया, नेक कर्म किए वो तो पार चले गए, भव से पार हो गए, और अधर्मी जन समाप्त हो गए।
देश देश रा वैद बुलाया, लाया जड़ी और बूटी : जीवन के साँसों का खजाना समाप्त होने वाला है, इस जीवन को अलविदा कहने का वक़्त है, बुढ़ापा आ गया है। जगह जगह के वैद्य को बुलवाया गया जो जड़ी और बूटी लेकर आए।
जड़ी बूटी म्हारे काम नी आई, म्हारे राम घरा सूं टूटी : जड़ी बूटी (ओषधि) मेरे किसी काम नहीं आई क्योंकि मेरी साँसों का तार तो राम (स्वामी) के घर से ही टूट गया है। राम के घर से बुलावा आ गया है, अब कोई ओषधि काम नहीं आ रही है।
चार जणा मिल मत्तो बणायो, बांधी काठ की डोली : चार जनों ने मिलकर एक सहमति (मत) बनाया और एक लकड़ी की डोली बनाई।
जाय उतारी मसाणा में, फूँक दिनी रे होळी : उसे (पालकी) को लेकर वे चल पड़े और मसान (शमशान) में जाकर उतार दी।
घर की तिरिया यूँ उठ बोली, म्हारी जोड़ी कुण तोड़ी : घर की स्त्री (पत्नी) उठकर बोलती है की मेरी जोड़ी किसने तोड़ी ?
कहेे कबीर सुणों भाई साधू, जिण जोड़ी तिन तोड़ी : कबीर साहेब की वाणी है की यह जोड़ी तो राम ने ही बनाई (जोड़ी थी ) और राम ने ही तोड़ दी है।  

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Saanjh Padi Din Aathanayo,
To Chakavi Dina Rok,
Chal Chakava Un Desh Mein,
Jahaan Rain Divas Nahin Hoy.

Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam,
Kaaya Nagar Ra Raam Rai,
Gaadi Vaala Raam,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Gaadi Mhaari Rang Rangili,
Pahiya Laal Gulaal,
Haankan Vaalo Chhail Chhabilo,
Baithan Vaalo Raam,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Gaadi ubi Ret Re Mai,
Manjil Badi Hai Dur,
Dharami Dharami Paar Utariyaan,
Paapi Chakanaachur,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Desh Desh Ra Vaid Bulaaya,
Laaya Jadi Aur Buti,
Jadi Buti Mhaare Kaam Ni Aai,
Mhaare Raam Ghara Sun Tuti,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Chaar Jana Mil Matto Banaayo,
Baandhi Kaath Ki Doli,
Jaay Utaari Masaana Mein,
Phunk Dini Re Holi,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Ghar Ki Tiriya Yun Uth Boli,
Mhaari Jodi Kun Todi,
Kahi Kabir Sunon Bhai Saadhu,
Jin Jodi Tin Todi,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.
Kaaya Nagar Ra Raam Maare,
Gaadi Vaala Raam,
Zara Dhire, Dhire Dhire,
Jara Dhire Gaadi Haanko Rai,
Kaaya Nagar Ra Raam.

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