मैमंता अविगत रता मीनिंग कबीर दोहे

मैमंता अविगत रता

 
मैमंता अविगत रता, अकलप प्रासा जीति । राम अमलि माता रहै, जीवत मुकति अतिती ।

मैमंता अविगत रता, अकलप प्रासा जीति ।
राम अमलि माता रहै, जीवत मुकति अतिती ।

Maimanta Avigat Rata, Akalap Prasa Jiti,
Raam Amali Maata Rahe, Jivat Mukati Atiti.

कबीर दोहा हिंदी शब्दार्थ

मैमंता : मदमस्त हाथी (मतवाला हाथी)
अविगत :  अगम्य, जिसे इन्द्रियों से परखा ना जा सके, जाना ना जा सके।
रता : रत होना, लीन होना, अनुरक्त।
अकलप : अकल्पनीय, जिसकी कल्पना नहीं की जा सके।
प्रासा जीति : जीत लेना।
अमलि : नशे में।
माता : मदमस्त।
अतिति : विषयातीत, द्वन्द से परे।

कबीर दोहा हिंदी मीनिंग/ हिंदी अर्थ Kabir Doha Hindi Meaning.

भक्ति रस में डूबा हुआ भक्त, भक्ति में लीन भक्त इन्द्रिय जनित विषय विकारों से उठकर प्रेम रस में अनुरक्त होकर मस्त हो जाता है. साधक को पहले अकल्पनीय दुःख, संताप और कष्ट व्यथित करते हे लेकिन अब साधक ने उनको जीत लिया है. साधक राम के नशे में मदमस्त हो जाता है और जीवन से मुक्त हो जाता है.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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