मन उलट्या दरिया मिल्या हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

मन उलट्या दरिया मिल्या हिंदी मीनिंग Man Ulataya Dariya Milya Meaning Kabir Ke Dohe, Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.

मन उलट्या दरिया मिल्या, लागा मलि मलि न्हांन।
थाहत थाह न आवई, तूँ पूरा रहिमान॥

Man Ulatya Dariya Milya, Laga Mali Mali Nhaan,
Thahat Thah Na Aavai, Tu Pura Rahimaan.

मन : चित्त, हृदय.
उलट्या : विमुख होना, पलट जाना.
दरिया : सरिता, नदियाँ .
मिल्या : मिला.
मलि मलि न्हांन : मल मल के नहाना, स्नान करना.
थाहत थाह न आवई - इससे हमें थाह, ठहराव नहीं आया है.
रहिमान- मालिक/स्वामी/दयालु.

साधक का मन, चित्त सांसारिक मोह माया से, विषय वासनाओं से विमुख होकर सुख के सागर, दरिया में मिल गया है. वह सांसारिक तुच्छ स्वार्थों से विमुख हो गया है, पलट गया है. इस भागवत प्रेम की दरिया में मन आनंदित होकर मल मल कर नहाने लगा. इसमें भक्त मल मल कर नहाने लगा, आनन्द का रसास्वाद करने लगा. इश्वर अत्यंत ही दयालु हैं और वे ही इसकी थाह लगा सकते हैं. इश्वर में इतनी दया भरी हुई है की उसकी थाह नहीं लगाईं जा सकती है.
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