नगर में जोगी आया भजन Nagar Me Jogi Aaya Bhajan
भगवान शिव जब श्री कृष्ण के दर्शन करने के लिए जोगी का रूप धारण करके जाते हैं तो माता यसोदा उनके रूप से विचलित हो जाती है और उनको भिक्षा देने के उपरान्त आग्रह करती है की वे पुनः लौट जाएं क्योंकि मेरा पुत्र आपको देखकर डर जाएगा। लेकिन शिव जी के द्वारा वहां पर शिंगी नाद बजाया जाता है। श्री शिव का रूप भी निराला था जिनमे उनके शीश पर जटाएं और बदन पर चन्द्रमा शोभित था। माता यसोदा के द्वारा आखिर में कृष्ण को शिव जी के समक्ष लाया जाता है और शिव उनको अपने हृदय से लगा लेते हैं। शिव बाल कृष्ण को कुछ मन्त्र सुनाते हैं जिससे बाल कृष्ण किलकारी मारने लगते हैं। बाल कृष्ण को चिरंजीवी का आशीर्वाद देकर शिव लौट आते हैं।
ऊँचे ऊँचे मन्दिर तेरे,
ऊँचा है तेरा धाम,
हे कैलाश के वासी, भोलेबाबा,
हम सब करते है तुम्हें प्रणाम।
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
अंग विभूति गले रुण्ड माला,
शेषनाग लिपटाओं,
बाँको तिलक भाल चंद्र,
और नन्द घर अलख जगायो,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
ले भिक्षा निकली नंदरानी,
कंचन थाल भरायो,
लो भिक्षा जोगी जाओ जंगल में,
मेरो लाल डरायों,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
पञ्चपेड़ परिक्रमा करके,
शिंगी नाद बजायो,
सूरदास बलिहारी कन्हैया,
जुग जुग तेरो जायो,
(शिंगी नाद : सींग से बना हुआ एक तरह का बाजा जिसे योगी लोग फूँककर बजाया करते हैं जैसे सिंगी नाद न बाजही कित गए जोगी । )
ना चाहिए तेरी दौलत दुनियाँ,
ना ही कंचन माया,
अपने लाल का दरश करा दे,
मै दर्शन को आया,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
तिन लोक के कर्ताधर्ता
तेरी गोद में आया
सूरदास बलिहारी कन्हैया
यशोमती दिखलाया
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो सूरदास पद (भजन )
नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो ।
सीश जटा शशि वदन सोहाये अरुण नयन छबि छायो ॥ नंद ॥ध्रु०॥
रोवत खिजत कृष्ण सावरो रहत नही हुलरायो ।
लीयो उठाय गोद नंदरानी द्वारे जाय दिखायो ॥नंद०॥१॥
अलख अलख करी लीयो गोदमें चरण चुमि उर लायो ।
श्रवण लाग कछु मंत्र सुनायो हसी बालक कीलकायो ॥ नंद ॥२॥
चिरंजीवोसुत महरी तिहारो हो जोगी सुख पायो ।
सूरदास रमि चल्यो रावरो संकर नाम बतायो ॥ नंद॥३॥
ऊँचा है तेरा धाम,
हे कैलाश के वासी, भोलेबाबा,
हम सब करते है तुम्हें प्रणाम।
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
अंग विभूति गले रुण्ड माला,
शेषनाग लिपटाओं,
बाँको तिलक भाल चंद्र,
और नन्द घर अलख जगायो,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
ले भिक्षा निकली नंदरानी,
कंचन थाल भरायो,
लो भिक्षा जोगी जाओ जंगल में,
मेरो लाल डरायों,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
पञ्चपेड़ परिक्रमा करके,
शिंगी नाद बजायो,
सूरदास बलिहारी कन्हैया,
जुग जुग तेरो जायो,
(शिंगी नाद : सींग से बना हुआ एक तरह का बाजा जिसे योगी लोग फूँककर बजाया करते हैं जैसे सिंगी नाद न बाजही कित गए जोगी । )
ना चाहिए तेरी दौलत दुनियाँ,
ना ही कंचन माया,
अपने लाल का दरश करा दे,
मै दर्शन को आया,
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
तिन लोक के कर्ताधर्ता
तेरी गोद में आया
सूरदास बलिहारी कन्हैया
यशोमती दिखलाया
नगर में जोगी आया,
यसोदा के घर आया,
जिसे कोई समझ ना पाया,
सब से बड़ा है तेरा नाम,
भोलेनाथ, भोलेनाथ, भोलेनाथ।
नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो सूरदास पद (भजन )
नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो ।
सीश जटा शशि वदन सोहाये अरुण नयन छबि छायो ॥ नंद ॥ध्रु०॥
रोवत खिजत कृष्ण सावरो रहत नही हुलरायो ।
लीयो उठाय गोद नंदरानी द्वारे जाय दिखायो ॥नंद०॥१॥
अलख अलख करी लीयो गोदमें चरण चुमि उर लायो ।
श्रवण लाग कछु मंत्र सुनायो हसी बालक कीलकायो ॥ नंद ॥२॥
चिरंजीवोसुत महरी तिहारो हो जोगी सुख पायो ।
सूरदास रमि चल्यो रावरो संकर नाम बतायो ॥ नंद॥३॥
नगर में जोगी आया (भोले बाबा का भगवान कृष्णा के दर्शन करने जाना ) NAGAR MEIN JOGI AAYA - MANOJ SHARMA
uncha Hai Tera Dhaam,
He Kailaash Ke Vaasi, Bholebaaba,
Ham Sab Karate Hai Tumhen Pranaam.
Nagar Mein Jogi Aaya,
Yasoda Ke Ghar Aaya,
Jise Koi Samajh Na Paaya,
Sab Se Bada Hai Tera Naam,
Bholenaath, Bholenaath, Bholenaath.
Ang Vibhuti Gale Rund Maala,
Sheshanaag Lipataon,
Baanko Tilak Bhaal Chandr,
Aur Nand Ghar Alakh Jagaayo,
Nagar Mein Jogi Aaya,
Yasoda Ke Ghar Aaya,
Jise Koi Samajh Na Paaya,
Sab Se Bada Hai Tera Naam,
Bholenaath, Bholenaath, Bholenaath.
Le Bhiksha Nikali Nandaraani,
Kanchan Thaal Bharaayo,
Lo Bhiksha Jogi Jao Jangal Mein,
Mero Laal Daraayon,
Nagar Mein Jogi Aaya,
Yasoda Ke Ghar Aaya,
Jise Koi Samajh Na Paaya,
Sab Se Bada Hai Tera Naam,
Bholenaath, Bholenaath, Bholenaath.
Panchaped Parikrama Karake,
Shingi Naad Bajaayo,
Suradaas Balihaari Kanhaiya,
Jug Jug Tero Jaayo,
Na Chaahie Teri Daulat Duniyaan,
Na Hi Kanchan Maaya,
Apane Laal Ka Darash Kara De,
Mai Darshan Ko Aaya,
Nagar Mein Jogi Aaya,
Yasoda Ke Ghar Aaya,
Jise Koi Samajh Na Paaya,
Sab Se Bada Hai Tera Naam,
Bholenaath, Bholenaath, Bholenaath.
Tin Lok Ke Kartaadharta
Teri God Mein Aaya
Suradaas Balihaari Kanhaiya
Yashomati Dikhalaaya
Nagar Mein Jogi Aaya,
Yasoda Ke Ghar Aaya,
Jise Koi Samajh Na Paaya,
Sab Se Bada Hai Tera Naam,
Bholenaath, Bholenaath, Bholenaath.
Author - Saroj Jangir
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