प्याली भर कर पी ले साधो लिरिक्स Pyali Bhar Kar Pee Le Sadho Lyrics Dhruv Bhatt

प्याली भर कर पी ले साधो लिरिक्स Pyali Bhar Kar Pee Le Sadho Lyrics Dhruv Bhatt

प्याली भर कर पी ले साधो,
प्याली भर बस जी ले साधो।
हरी नाम की प्याली भरकर पी ले और प्याली भर ही जी ले साधो।
एकाज घूँटे रंग तजी दे,
नहीं केसर नहीं लीले साधो,
छोड़ बंधी या दुनियादारी,
नहीं शिकवे नहीं गिले साधो
प्याली भर कर पी ले साधो,
प्याली भर बस जी ले साधो।
Meaning : एक ही घूँट के साथ सभी रंगो को फीका कर दे, छोड़ दे। भले ही कोई केसर हो या रंगरेज का रंग। दुनियाँदारी के सभी बंधन को छोड़ दे। सभी शिकायतों को दूर कर ले।

शूं मन के तन बांध्या करवा,
कर सब बंधन ढीले साधो,
आम मरवा माँ मौज जड़े छे,
जीववूं टांगो खीले साधो,
प्याली भर कर पी ले साधो,
प्याली भर बस जी ले साधो।

मीनिंग : तुम्हारे मन में गांठें क्यों हैं ? सभी बंधनों को ढीला कर ले। प्रशन्नता की एक लहर, यही जीने की राह है, प्राचीन राह है। इस पर तुम्हारे वस्त्रों को टांग दो। 
 

'Pyaali Bharkar Peele' urges Dhruv Bhatt

Pyaali Bhar Kar Pi Le Saadho,
Pyaali Bhar Bas Ji Le Saadho.

Ekaaj Ghunte Rang Taji De,
Nahin Kesar Nahin Lile Saadho,
Chhod Bandhi Ya Duniyaadaari,
Nahin Shikave Nahin Gile Saadho
Pyaali Bhar Kar Pi Le Saadho,
Pyaali Bhar Bas Ji Le Saadho.

Shun Man Ke Tan Baandhya Karava,
Kar Sab Bandhan Dhile Saadho,
Aam Marava Maan Mauj Jade Chhe,
Jivavun Taango Khile Saadho,
Pyaali Bhar Kar Pi Le Saadho,
Pyaali Bhar Bas Ji Le Saadho.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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