तनधारी जग में अवधु भजन लिरिक्स

तनधारी जग में अवधु Tandhari Jag Me Avadhu Devotional Bhajan by Anil Nagori (Rajasthani Bhajan)

इस भजन का सन्देश है की जिसने भी जन्म लिया है, किसी भी रूप में जीवन लेकर तन को धारण किया है, भले ही वह देव हो या सामान्य जन, सभी दुखी हैं। किसी को शरीर का दुःख है तो कोई मन से दुखी है। कोई बिना धन के उदास है। ऐसे ही करके सभी दुखी हैं कोई कम या ज्यादा।
सुखी कौन है ? सुखी एक राम का दास है जिसने व्यर्थ की कामनाओं को त्याग दिया है। वह जगत के साथ है लेकिन सहज रूप से, उसे भी धन दौलत चाहिए लेकिन सहजता से। अब उसे अधिक की चाहना, संचय की चाहना छूट गई है और वह राम के भजनों में ही परम सुख प्राप्त करता है। अवधू से आशय है जिसने विवेक को प्राप्त कर लिया है और समस्त सांसारिक कामनाओं, मोह, इच्छाओं से स्वंय को ऊपर उठा लिया है। अब उसके लिए अपनों की मृत्यु भी सहज है और जनम भी।
कोई तन दुखी कोई मन दुखी,
कोई धन बिन फिरे उदास,
थोड़ा थोड़ा सब दुखी,
भाई सुखी राम का दास।


तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया रै,
हेरी, जनम लियोड़ा सब,
दुखिया है रै लोग।
तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया है।

ब्रह्मा भी दुखिया अवधु,
विष्णु भी दुखिया है,
हेरी,  दुखिया दशो अवतारां,
है लोक,
तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया है।

धरती भी दुखिया अवधु,
अम्बर भी दुखिया है,
हेरी, दुखिया पवना पाणी,
है लोक,
तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया रे। टेर। …

राजा भी दुखिया अवधू ,
प्रजा भी दुखिया है,
हेरी,  दुखिया सकल संसारा,
है लोक,
तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया है।

ओ शरणे मच्छेंद्र जाती,
गोरख बोले रै,
हेरी,  राम ने भजे वो ही सुखिया,
है लोक,
तनधारी जग में अवधु,
कोई नहीं सुखिया है।

Anil Nagori तन धारी जग में अवधू कोई नही सुखिया अनिल नागौरी

Koi Tan Dukhi Koi Man Dukhi,
Koi Dhan Bin Phire Udaas,
Thoda Thoda Sab Dukhi,
Bhai Sukhi Raam Ka Daas.

Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Rai,
Heri, Janam Liyoda Sab,
Dukhiya Hai Rai Log.
Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Hai.

Brahma Bhi Dukhiya Avadhu,
Vishnu Bhi Dukhiya Hai,
Heri,  Dukhiya Dasho Avataaraan,
Hai Lok,
Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Hai.

Dharati Bhi Dukhiya Avadhu,
Ambar Bhi Dukhiya Hai,
Heri, Dukhiya Pavana Paani,
Hai Lok,
Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Re. Ter. …

Raaja Bhi Dukhiya Avadhu ,
Praja Bhi Dukhiya Hai,
Heri,  Dukhiya Sakal Sansaara,
Hai Lok,
Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Hai.

O Sharane Machchhendr Jaati,
Gorakh Bole Rai,
Heri,  Raam Ne Bhaje Vo Hi Sukhiya,
Hai Lok,
Tanadhaari Jag Mein Avadhu,
Koi Nahin Sukhiya Hai.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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