भगवान शिव के प्रिय फूल शिव को कौनसे फूल चढाने चाहिए

भगवान शिव के प्रिय फूल शिव को कौनसे फूल चढाने चाहिए

 
भगवान शिव के प्रिय फूल शिव को कौनसे फूल चढाने चाहिए

भगवान शिव को पुष्प भी पसंद हैं और इन्हे पुष्प अर्पित करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। मान्यता है की शिव को सबसे अधिक प्रिय पुष्प धतूरे का है, इसके अतिरिक्त गुड़हल, पारिजात, बेला के फूल भी शिव को अधिक प्रिय हैं। लेकिन यह जानना भी आवश्यक है की किस मनोकामना की पूर्ति के लिए कौनसा पुष्प अर्पित किया जाता है।
 
शिव आदि देव हैं जो त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) में सबसे अधिक शक्तिशाली देव माने जाते हैं। शिव सृजन, पालन और संहारक तीनों हैं। शिव जी को बड़ी ही सरलता से प्रशन्न किया जा सकता है, इसलिए ये भोले भंडारी भी हैं।
शिव पुराण से हमें पता चलता है की भगवान शिव को पत्तियों के साथ ही फूल भी प्रिय हैं। भगवान शिव के प्रिय फूलों में धतूरा का फूल, गुड़हल, पारिजात, बेला आदि हैं। हर फूल किसी विशेष पूजन से सबंध रखता है, जो जातक की मनोकामना पर आधारित होता है।
शिव को कनेर, कमल, केतकी और केवड़े के फूल नहीं चढाने चाहिए। इसके अतिरिक्त लाल रंग के फूलों का भी निषेध है।
आइये जान लेते हैं की शिव जी की पूजा अर्चना में किस फूल का हमारी मनोकामनाओं से सबंध है। 

भगवान शिव के प्रिय फूल Shiv Ko Priy Phool (Pushp) Hindi

धतूरे का फूल : भगवान शिव के प्रिय फूलों में से एक धतूरे का भी फूल है। धतूरे का फूल जातक को उस समय अर्पित करना चाहिए जब वह संतान की मनोकामना रखता हो। यदि लाल डंठल के धतूरे का फूल उपलब्ध हो इसे श्रेष्ठ माना गया है। 

धतूरे को राहु का कारक माना जाता है और इसके साथ ही यह भी मान्यता है की समुद्र मंथन के उपरान्त जब शिव ने विष का पान किया थो उन्हें कुछ बेचैनी होने लगी। आदि शक्ति से प्राप्त निर्देशों की पालना करते हुए शिव को धतूरा, बेल और भांग आदि जड़ी बूटियों को उनके मस्तक पर रखा गया और उनके मस्तक पर निरंतर जलाभिषेक किया गया। इसके उपरान्त शिव सामान्य स्थिति में लौटे। इसी समय से धतूरे को शिव का प्रिय माना जाता है। विभिन्न आयुर्वेदिक ग्रंथों में इन पादप का उल्लेख औषधीय कर्म के लिए भी वर्णित है। वैसे भी शिव की माया को कोई समझ नहीं पाया है।
अगस्‍त्‍य पुष्‍प : यदि जातक को यश की प्राप्ति करनी है, मान सम्मान अर्जित करना है तो विधिवत पूजा के साथ अगस्‍त्‍य पुष्‍प को भगवान शिव को अर्पित करने से मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। 
 
हरसिंगार का पुष्प : शारीरिक सुख और वैभव के लिए पारिजात (हरसिंगार) का पुष्प श्रेष्ठ माना जाता है। 

शमी का फूल : विधिवत पूजा अर्चना के साथ शमी का पुष्प शिव जी को अर्पित करने से जीव भव सागर से पार होता है, कर्मों के बंधन कटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

श्वेतार्क पुष्प : श्वेतार्क पुष्प को अर्पित करने से दस स्वर्ण पुष्प दान करने के समान फल प्राप्त होता है। 

कनेर का पुष्प : भगवान शिव को कनेर का पुष्प चढाने से पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलती है। 

इनके अतिरिक्त भगवान शिव को कास, मंदार, शमी, कुब्जक, शंखपुष्पी, चिचिड़ा, खस, तगर, नागकेसर, गूमा, शीशम, गूलर, जयंती, बेला, पलाश, बेलपत्ता, केसर, आदि के पुष्प भी पसंद हैं।

भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए वर्जित पुष्प और पूजन सामग्री।

  • भगवान शिव को केतकी का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त लाल रंग के पुष्प भी शिव जी को पसंद नहीं आते हैं।
  • भगवान शिव को कनेर, कमल, केतकी और केवड़े के फूल अर्पित करने का निषेध किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त आप यह भी ध्यान रखें की शिव पूजा अर्चना में निम्न का भी निषेध है -
  • शिव जी की पूजा अर्चना में शिव को रोली और कुमकुम नहीं लगाईं जाती है।
  • तुलसी दल और नारियल पानी शिवजी को अर्पित नहीं की जानी चाहिए।
  • भगवान शिव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है, वैसे हल्दी का उपयोग कई अन्य देव पूजा में किया जाता है।
  • भगवान शिव की पूजा में शंख भी वर्जित है। (भगवान शंकर ने शंखचूड़ नामक राक्षस का अंत किया था )
  • भगवान शिव को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते हैं।

भगवान शिव को क्या पसंद है ? Bhagwan Shiv Ko Kya Pasand Hai 

भगवान शिव को कुछ विशेष वस्तुएं अधिक प्रिय हैं जैसे
  • भगवान शिव को जलाभिषेक अधिक प्रिय है।
  • शिवलिंग पर केसर अर्पित करना चाहिए, इससे हमारे जीवन में सौम्यता आती है।
  • शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए, क्योंकि यह शिव को प्रिय है। 
  • भगवान शिव को शहद भी प्रिय है।
  • शिवलिंग पर घी चढ़ाना भी उत्तम रहता है क्योंकि शिव को घृत प्रिय है।
  • बिल्वपत्र को भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक माना गया है।
  • शिव को धतूरा पसंद है।
  • शिव को भांग प्रिय है।
  • भगवान शिव को रुद्राक्ष और भस्म भी प्रिय हैं।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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