त्रिदेव में सबसे शक्तिशाली कौन हैं ? Tridev Me Sabse Adhik Shaktishali Koun Hain
त्रिदेव भगवान ब्रह्म विष्णु और महेश होते हैं। ये आदि देव हैं और त्रिदेव में से भगवान शिव को ही सर्वोच्च और शक्तिशाली होने के कारण श्रेष्ठ माना गया है। अतः त्रिदेव में सबसे शक्तिशाली भगवान शिव ही हैं।
१ ब्रह्मा : समस्त जीव जंतुओं के अतिरिक्त सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड और जगत का रचियता ब्रह्मा जी को ही माना गया है। सावित्री और गायत्री ब्रह्मा जी की पत्नी हैं। जगत की उत्पत्ति के कारण ब्रह्मा जी को सर्वोच्च माना गया है। ब्रह्मा जी सृजन के देव हैं और यह भी स्वंयभू देव हैं। ब्रह्मा की उत्पत्ति विष्णु की नाभि से निकले कमल में स्वयंभू हुई थी।
श्री ब्रह्मा भगवान् के पुत्र :
भगवान् श्री विष्णु जी के अवतार :
- सनकादिक
- ऋषिसनक
- सनन्दन
- पुलस्ति
- नारद मुनि
- दक्ष
- श्री चित्रगुप्त
भगवान् श्री विष्णु जी के अवतार :
- कूर्म अवतार
- वराह अवतार
- नृसिंह अवतार
- वामन अवतार
- परशुराम अवतार
- श्रीराम अवतार
- श्रीकृष्ण अवतार
- बुद्ध अवतार
- कल्कि अवतार
३. महेश : त्रिदेवों में सर्वोच्च और शक्तिशाली भगवान शिव को माना गया है। वे आदि देव और श्रष्टि के रचियता माने जाते हैं। शिव ही जगत में पालनकर्ता और संहारक भी हैं। शिव का विवाह पहले सती से और उसके उपरान्त पार्वती से हुआ था।
त्रिदेव किसे कहते हैं : ब्रह्मा, विष्णु और महेश की जोड़ी को ही संयुक्त रूप से त्रिदेव कहा जाता है।
शिव जी का मूल मंत्र- ऊँ नम: शिवाय।।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र-
भगवान शिव को त्रिदेव के प्रमुख रूप से जाना जाता है। श्री शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे समस्त देवो में प्रमुख और स्वम्भू हैं। वेदों में शिव को रूद्र कहा गया है क्योंकि वे जगत के पालक होने के साथ साथ विध्वंशक भी हैं।
त्रिदेव की पत्नियां : सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती ये त्रिदेव की पत्नियां हैं मानी जाती हैं।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र-
- ओम साधो जातये नम:।।
- ओम वाम देवाय नम:।।
- ओम अघोराय नम:।।
- ओम तत्पुरूषाय नम:।।
- ओम ईशानाय नम:।।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
- रुद्र गायत्री मंत्र
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
- तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- शिव के प्रिय मंत्र-
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
भगवान शिव को त्रिदेव के प्रमुख रूप से जाना जाता है। श्री शिव को देवों के देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे समस्त देवो में प्रमुख और स्वम्भू हैं। वेदों में शिव को रूद्र कहा गया है क्योंकि वे जगत के पालक होने के साथ साथ विध्वंशक भी हैं।
त्रिदेव की पत्नियां : सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती ये त्रिदेव की पत्नियां हैं मानी जाती हैं।
Author - Saroj Jangir
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