हे जग जननी हे दुःख हरनी भजन

हे जग जननी हे दुःख हरनी मेरे आठों याम तुम्ही

 हे जग जननी, हे दुख हरनी,
मेरे आठों याम तुम्हीं से हैं,
तुम संग हो तो मंगल करनी,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।

हे जग माता, तेरी ममता,
नहीं जग में कोई जिसकी समता,
नहीं जग में कोई जिसकी समता,
करूं हर पल तेरा शुक्र, ओ माँ,
मेरी सुबह-शाम तुम्हीं से है,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।

कैसे भूलूं उपकार तेरा,
हर क्षण पाया है प्यार तेरा,
हर क्षण पाया है प्यार तेरा,
यश और वैभव सबकुछ संभव,
हर क्षण अविराम तुम्हीं से है,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।

क्यों हो बेदर्द जहां का डर,
मुझ पर हर पल जब तेरी नजर,
मुझ पर हर पल जब तेरी नजर,
कतराते थे जो, उनके लब पर,
अब मेरा नाम तुम्हीं से है,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।

इस अधमी में तूने क्या देखा,
बदली पल में किस्मत रेखा,
बदली पल में किस्मत रेखा,
संजय का गुलशन अब मैया,
महका सरेआम तुम्हीं से है,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।

हे जग जननी, हे दुख हरनी,
मेरे आठों याम तुम्हीं से हैं,
तुम संग हो तो मंगल करनी,
हर सुख आराम तुम्हीं से है।।


Navratri Special Bhajan - हे जग जननी - Hey Jag Janni - Sanjay Pareek - Mata Rani Bhajan
Next Post Previous Post