बिन रखवाले बहिरा चिड़ियैं खाया खेत Bin Rakhwale Bahira Meaning Kabir Ke Dohe

बिन रखवाले बहिरा चिड़ियैं खाया खेत Bin Rakhwale Bahira Meaning Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit (Hindi Meaning/Bhavarth)

बिन रखवाले बहिरा, चिड़ियैं खाया खेत।
आधा प्रधा ऊबरै, चेति कै तो चेति॥
Bin Rakhwaale Bahira, Chidiyo Khaaya Khet,
Aadha Pradha Ubare, Cheti Ke To Cheti.

बिन रखवाले : रक्षक के बगैर.
बहिरा : बाहर होना, रखवाली नहीं करना.
चिड़ियैं खाया खेत : चिड़ियों ने खेत को खा लिया है, उजाड़ दिया है. इन्द्रीओं ने खेत को खा लिया है/विषय रूपी पक्षी.
आधा प्रधा : आधा बचा हुआ, यह एक राजस्थानी भाषा का शब्द है "आधा परधा" जिसका अर्थ है थोडा बहुत, बचा हुआ.
ऊबरै : बचा लिया जाए.
चेति कै तो चेति : यदि जाग सकते हो तो जागो (उठकर रक्षा करो)

कबीर साहेब की वाणी है की रखवाले के अभाव में, रक्षक के अभाव में विषय वासनाओं रूपी पक्षी (चिड़िया) ने मानव जीवन रूपी देह को उजाड़ दिया है. अब तो तुम जागो और अपने खेत की रक्षा करो, जो भी आधा परधा बचा हुआ है उसे संभालो. भाव है की अपने जीवन का कल्याण करने के लिए चेतना को प्राप्त करो, गुरु के ज्ञान को प्राप्त करके उसका अनुसरण करो. भाव है की जैसे खेत के रखवाले के अभाव में पक्षी खेत को चुग जाते हैं, खेत में फसल की हानि करते हैं, ऐसे ही यदि व्यक्ति अज्ञान में पड़ा रहता है और चेतना को प्राप्त नहीं करता है तो वह अपने अमूल्य मानव जीवन को व्यर्थ में गँवा देता है. सचेत रहकर ही जीवन की रक्षा की जा सकती है. चेतन अवस्था के बैगर इन्द्रिय रूपी पक्षी इस देह में हानि ही करते हैं. इसलिए चेतन अवस्था को प्राप्त करो और जो भी जीवन बचा है उसे इश्वर सुमिरण में व्यतीत करो.  प्रस्तुत साखी में रुप्कातिश्योक्ति अलंकार की व्यंजना हुई है.
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