हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की लिरिक्स

हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की Hum Katha Sunaate Raam Sakal Ramayan Bhajan स्वर कविता कृष्णमूर्ति, हेमलता, रविन्द्र जैन

 
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की लिरिक्स

ॐ श्री महागणाधिपतये नमः,
ॐ श्री उमामहेश्वराभ्याय नमः।
वाल्मीकि गुरुदेव के, पद पंकज सिर नाय,
सुमिरे मात सरस्वती, हम पर होऊं सहाय,
मात पिता की वंदना करते बारम्बार,
गुरुजन राजा प्रजा जन नमन करों स्वीकार,
हम कथा सुनाते,  राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण हैं, पुण्य कथा श्री राम की।

जम्बूद्विपे, भरत खंडे, आर्यावर्ते भारतवर्षे,
एक नगरी है विख़्यात अयोध्या नाम की,
यही जनम भूमि है परम पूज्य श्री राम की,
हम कथा सुनाते, राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण हैं, पुण्य कथा श्री राम की।

रघुकुल के राजा धर्मात्मा, चक्रवर्ती दशरथ पुण्यात्मा,
संतति हेतु यज्ञ करवाया, धर्म यज्ञ का शुभ फल पाया,
नृप घर जनमे चार कुमारा, रघुकुल दीप जगत आधारा,
चारों भ्रातों के शुभ नामा, भरत, शत्रुघ्न, लक्ष्मण रामा,
गुरु वशिष्ठ के गुरुकुल जाके, अल्प काल विद्या सब पाके,
पूरण हुई शिक्षा, रघुवर पूरण काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।

मृदु स्वर कोमल भावना, रोचक प्रस्तुति ढंग,
एक एक कर वर्णन करे, लव कुश राम प्रसंग,
विश्वामित्र महामुनि राई, तिनके संग चले दोऊं भाई,
कैसे राम ताड़का मारी, कैसे नाथ अहिल्या तारी,
मुनिवर विश्वामित्र तब, संग ले लक्ष्मण राम,
सिया स्वयंवर देखने, पहुँचे मिथिला धाम,
जनकपुर उत्सव है भारी, जनकपुर उत्सव है भारी,
अपने वर का चयन करेगी सीता सुकुमारी,
जनकपुर उत्सव है भारी, जनकपुर उत्सव है भारी,
जनक राज का कठिन प्रण, सुनों सुनों सब कोई,
जो तोड़े शिव धनुष को, सो सीता पति होई,
को तोरी शिव धनुष कठोर, सबकी दृष्टि राम की और,
राम विनय गुण के अवतार, गुरुवर की आज्ञा सिरधार,
सहज भाव से शिव धनु तोड़ा, जनक सुता संग नाता जोड़ा,
रघुवर जैसा और ना कोई, सीता की समता नहीं होई,
दोउ करे पराजित, कांति कोटि रति काम की,
हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,
ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।

सब पर शब्द मोहिनी डारी, मन्त्र मुग्ध भये सब नर नारी,
यूँ दिन रैन जात है बीते, लव कुश ने सबके मन जीते,
वन गमन, सीता हरण, हनुमंत मिलन,
लंका दहन, रावण मरण, अयोध्या पुनरागमन,
सविस्तार सब कथा सुनाई, राजा राम भए रघुराई,
राम राज आयो सुखदाई, सुख समृद्धि श्री घर घर आई,
काल चक्र नें घटना क्रम में, ऐसा चक्र चलाया,
राम सिया के जीवन में फिर, घोर अँधेरा छाया,
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया,
निष्कलंक सीता पे प्रजा ने, मिथ्या दोष लगाया,
अवध में ऐसा, ऐसा इक दिन आया,
चल दी सिया जब तोड़ कर, सब नेह नाते मोह के,
पाषाण हृदयों में, ना अंगारे जगे विद्रोह के,
ममतामई माओ के आँचल भी, सिमट कर रह गए,
गुरुदेव ज्ञान और नीति के, सागर भी घट कर रह गए,
ना रघुकुल ना रघुकुलनायक, कोई न सिय का हुआ सहायक,
मानवता को खो बैठे जब, सभ्य नगर के वासी,
तब सीता को हुआ सहायक, वन का इक सन्यासी,
उन ऋषि परम उदार का, वाल्मीकि शुभ नाम,
सीता को आश्रय दिया, ले आए निज धाम,
रघुकुल में कुलदीप जलाए, राम के दो सुत सिय ने जाए,
जनक दुलारी कुलवधू दशरथजी की,
रजधानी होके दिन वन में बिताती है,
रहते थे घेरे जिसे दास दासी आठो याम,
दासी बनी अपनी उदासी को छुपाती है,
धरम प्रवीना सती, परम कुलीना,
सब विधि दोष हीना जीना दुःख में सिखाती है,
जगमाता हरिप्रिया लक्ष्मी स्वरूपा सिया,
कुटती है धान, भोज स्वयं बनाती है,
कठिन कुल्हाडी लेके लकड़िया काटती है,
करम लिखे को पर काट नहीं पाती है,
फूल भी उठाना भारी जिस सुकुमारी को था,
दुख भरे जीवन का बोझ वो उठाती है,
अर्धांगिनी रघुवीर की वो धर धीर,
भरती है नीर, नीर नैन में ना लाती है,
जिसकी प्रजा के अपवादों के कुचक्र में वो,
पीसती है चाकी स्वाभिमान को बचाती है,
पालती है बच्चों को वो कर्म योगिनी की भाँती,
स्वाभिमानी, स्वावलंबी, सबल बनाती है,
ऐसी सीता माता की परीक्षा लेते दुःख देते,
निठुर नियति को दया भी नही आती है।।
उस दुखिया के राज दुलारे, हम ही सुत श्री राम तिहारे।
सीता माँ की आँख के तारे, लव कुश हैं पितु नाम हमारे,
हे पितु भाग्य हमारे जागे, राम कथा कही राम के आगे।।
पुनि पुनि कितनी हो कही सुनाई, हिय की प्यास बुझत न बुझाई,
सीता राम चरित अतिपावन, मधुर सरस अरु अति मनभावन।। 


हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की | Hum Katha Sunate video song | Tilak

Om Shri Mahaaganaadhipataye Namah,
Om Shri Umaamaheshvaraabhyaay Namah.
Vaalmiki Gurudev Ke, Pad Pankaj Sir Naay,
Sumire Maat Sarasvati, Ham Par Huon Sahaay,
Maat Pita Ki Vandana Karate Baarambaar,
Gurujan Raaja Praja Jan Naman Karon Svikaar,
Ham Katha Sunaate,  Raam Sakal Gunadhaam Ki,
Ye Raamaayan Hain, Puny Katha Shri Raam Ki.

Jambudvipe, Bharat Khande, Aaryaavarte Bhaaratavarshe,
Ek Nagari Hai Vikhyaat Ayodhya Naam Ki,
Yahi Janam Bhumi Hai Param Pujy Shri Raam Ki,
Ham Katha Sunaate, Raam Sakal Gunadhaam Ki,
Ye Raamaayan Hain, Puny Katha Shri Raam Ki.

Raghukul Ke Raaja Dharmaatma, Chakravarti Dasharath Punyaatma,
Santati Hetu Yagy Karavaaya, Dharm Yagy Ka Shubh Phal Paaya,
Nrp Ghar Janame Chaar Kumaara, Raghukul Dip Jagat Aadhaara,
Chaaron Bhraaton Ke Shubh Naama, Bharat, Shatrughn, Lakshman Raama,
Guru Vashishth Ke Gurukul Jaake, Alp Kaal Vidya Sab Paake,
Puran Hui Shiksha, Raghuvar Puran Kaam Ki,
Ham Katha Sunaate Raam Sakal Gunadhaam Ki,
Ye Raamaayan Hai Puny Katha Shri Raam Ki.

Mrdu Svar Komal Bhaavana, Rochak Prastuti Dhang,
Ek Ek Kar Varnan Kare, Lav Kush Raam Prasang,
Vishvaamitr Mahaamuni Rai, Tinake Sang Chale Duon Bhai,
Kaise Raam Taadaka Maari, Kaise Naath Ahilya Taari,
Munivar Vishvaamitr Tab, Sang Le Lakshman Raam,
Siya Svayanvar Dekhane, Pahunche Mithila Dhaam,
Janakapur Utsav Hai Bhaari, Janakapur Utsav Hai Bhaari,
Apane Var Ka Chayan Karegi Sita Sukumaari,
Janakapur Utsav Hai Bhaari, Janakapur Utsav Hai Bhaari,
Janak Raaj Ka Kathin Pran, Sunon Sunon Sab Koi,
Jo Tode Shiv Dhanush Ko, So Sita Pati Hoi,
Ko Tori Shiv Dhanush Kathor, Sabaki Drshti Raam Ki Aur,
Raam Vinay Gun Ke Avataar, Guruvar Ki Aagya Siradhaar,
Sahaj Bhaav Se Shiv Dhanu Toda, Janak Suta Sang Naata Joda,
Raghuvar Jaisa Aur Na Koi, Sita Ki Samata Nahin Hoi,
Dou Kare Paraajit, Kaanti Koti Rati Kaam Ki,
Ham Katha Sunaate Raam Sakal Gunadhaam Ki,
Ye Raamaayan Hai Puny Katha Shri Raam Ki.
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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