जगत के रंग क्या देखूँ, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है। (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
नहीं चाहिए ये दुनियां के, निराले रंग ढंग मुझको, निराले रंग ढंग मुझको । चली जाऊँ मैं वृंदावन, तेरा श्रृंगार काफी है, (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है,
क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
जगत के साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे, हुए हैं कान अब बहरे, कहाँ जाके सुनूँ बंशी, मधुर वो तान काफी है, (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
जगत के रिश्तेदारों ने, बिछाया जाल माया का बिछाया जाल माया का ।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
तेरे भक्तों से हो प्रीति, श्याम परिवार काफी है, (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
जगत की झूठी रोनक से, हैं आँखें भर गयी मेरी हैं आँखें भर गयी मेरी । चले आओ मेरे मोहन, दरश की प्यास काफी है ॥ (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
जगत के रंग क्या देखूँ, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है। (जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफ़ी है, क्यों भटकूं गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है)
Jagat Ke Rang Kya Dekhu By Jaya Kishori Ji | Krishna Bhajan | Sanskar Bhajan
Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Didaar Kaafi Hai, Kyon Bhatakun Gairon Ke Dar Pe, Tera Darabaar Kaaphi Hai. (Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Didaar Kaafi Hai, Kyon Bhatakun Gairon Ke Dar Pe, Tera Darabaar Kaaphi Hai)
Nahin Chaahie Ye Duniyaan Ke, Niraale Rang Dhang Mujhako, Niraale Rang Dhang Mujhako . Chali Jaun Main Vrndaavan, Tera Shrrngaar Kaaphi Hai, (Jagat Ke Rang Kya Dekhun, Tera Didaar Kaafi Hai, Kyon Bhatakun Gairon Ke Dar Pe, Tera Darabaar Kaaphi Hai)