कर गुजरान फकीरी में साधो भाई
कर गुजरान फकीरी में साधो भाई भजन
कर गुजरान फकीरी में साधो भाई,मगरूरी क्यों करता,
जोगी होकर जटा बढ़ावे,
नंगे पाँव क्यों फिरता है रे भाई,
गठरी बाँध सर ऊपर धर ले,
योँ क्या मालिक मिलता है रे भाई,
मुल्ला होकर बाँग पुकारे,
क्या तेरा साहिब बहरा है रे भाई,
चींटी के पाँव, नेवर बाजें,
सो भी साहिब सुनता है रे भाई,
धरती आकाश गुफ़ा के अंदर,
पुरुष वहाँ एक रहता है रे भाई,
हाथ ना पाँव, रूप नहीं रेखा,
नंगा होकर फिरता है रे भाई,
जो तेरे घट में, जो मेरे घट में,
जो सबके घट में एक है रे भाई,
कहें कबीर सुनों भाई साधो,
हर जैसे को तैसा है रे भाई,
कर गुजरान फकीरी में साधो भाई | Shabnam Virmani #Bhajan | सद्गुरु कबीर साहेब
Magaruri Kyon Karata,
Jogi Hokar Jata Badhaave,
Nange Paanv Kyon Phirata Hai Re Bhai,
Gathari Baandh Sar upar Dhar Le,
Yon Kya Maalik Milata Hai Re Bhai,