नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे, (नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारीं करतां उमर, बीती सारी रे )
नो दस मास गरभ में राख्यो, माता थारी रे, बाहर काडो नाथ भगती करस्यूँ, नाथ थारी रे, नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे।
बाळपना में लाड लडायो, माता थारी रे, भर जोबन में लागे प्यारी, घर की नारी रै, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे।
माया माया करतो फिरियो, जड़ रे भारी रे, कौड़ी कौड़ी ख़ातिर लेतो, राड़ उधारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे।
बूढ़ो हुयो जद यूँ उठ बोली, घर की नारी रे, अब बुढयों मर जावे तो छूटे, गैल हमारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे।
रुक गया स्वांस दशों दरवाजा , मच गई घ्यारी रे, कालूराम गुरा रे शरणे, कह दीनी सारी रे, लागी खारी रे । मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे।
नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारी करतां उमर, बीती सारी रे, (नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, मनवा नहीं विचारी रे, थारी म्हारीं करतां उमर, बीती सारी रे )
मनवा नहीं विचारी रे - Moinuddin Manchala Superhit Bhajan | Guru Bhajan | Rajasthani Song 2021
Nahin Vichaari Re, Manava Nahin Vichaari Re, Manava Nahin Vichaari Re, Thaari Mhaari Karataan Umar, Biti Saari Re, (Nahin Vichaari Re, Manava Nahin Vichaari Re, Manava Nahin Vichaari Re, Thaari Mhaarin Karataan Umar, Biti Saari Re )