क्या तन माँझता रे भजन

क्या तन माँझता रे भजन

क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |
पवन चले उड़ जाना रे पगले,
समय चूक पछताना |
क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |

चार जाना मिल गढ़ी बनाई,
चढ़ा काठ की डोली |
चारों तरफ से आग लगा दी,
फूँक दिए जेसे  होली |
क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |
क्या तन माँझता रे,
इक दिन माटी में मिल जाना |

हाड जलें जेसे  बन की  लकड़ियाँ,
केस जले जेसे  घाँसा |
कंचन जेसी  काया जल गई,
कोइ न आए  पासा |
क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |

तीन दिना तेरी तिरिया रोये,
तेरह दीना तेरा भाई |
जनम जनम तेरी माता रोवे,
करकें आशु पराई |
क्या तन माँझता रे,
इक दिन माटी में मिल जाना |

माटी ओढ़ना माटी बिछोना,
माटी का सिरहाना |
कहें कबीरा सुनलें रे बन्दे,
ये जग आना जाना |

क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |
पवन चले उड़ जाना रे पगले,
समय चूक पछताना |
क्या तन माँझता रे,
एक दिन माटी में मिल जाना |

Kya Tan Manjata Re | क्या तन माँझता रे | Sadguru Kabir Saheb

Kya Tan Maanjhata Re,
Ek Din Maati Mein Mil Jaana |
Pavan Chale Ud Jaana Re Pagale,
Samay Chuk Pachhataana |
Kya Tan Maanjhata Re,
Ek Din Maati Mein Mil Jaana |
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