आज बन नीकौ रास बनायो भजन

आज बन नीकौ रास बनायो भजन

आज बन नीकौ रास बनायौं।
पुलिन पवित्र सुभग यमुना तट-
मोहन वेणु बजायौ।।
कल कंकण किंकिणि नूपुर ध्वनि-
सुनि खग मृग सचु पायौ।
युवतिन मण्डल मध्य श्याम घन-
सारँग राग जमायौ।।
ताल मृदंग उपंग मुरज डफ-
मिलि रस सिंधु बढ़ायौ।
विविधि विशद वृषभानुनन्दिनी--
अंग सुधंग दिखायौ।।
अभिनय निपुन लटकि लट लोचन-
भृकुटि अनंग नचायौ।
ता ता थेई ताथेई धरति नौतन गति-
पति ब्रजराज रिझायौ।।
सकल उदार नृपति चूड़ामणि-
सुख वारिधि वरषायौ।
परिरंभन चुम्बन आलिंग-
उचित युवति जन पायौ।
बरषत कुसुम मुदित नभ नायक-
इन्द्र निसान बजायौ।।
जय श्रीहित हरिवंश रसिक राधापति-
यस बितान जग छायौ।।

आज बन नीकौ रास बनायौ | रास विलास | श्री हित चतुरासी | श्री हित अम्बरीष जी

Aaj Hamane Baan Nikau Ras Banaaya Hai.
Pulin Pavitr Subhaag Yamuna Tat-
Mohan Venu Khelen.
Kaal Kankan Kinkini Nupur Dhvani-
Suno, Tumane Hiran Ko Sach Paaya Hai.
Yuvaatin Mandal Madhy Shyaam Ghan-
Saarang Raag Jamaayo.
Taal Mrdang Upaang Muraaj Daph-
Mili Raas Sindhu Badhi.
Vibhinn Vrshabhaanunandini--
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