खंजन मीन मृगज मद मेटत- कहा कहौं नैननि की बातैं। सुनि सुंदिरी कहाँ लौं सिखई- मोहन वशीकरण की घातैं। बँक निशंक चपल अनियारे- अरूण श्याम सित रचे कहाँ तैं। डरत न हरत परायौ सर्बस- मृदु मधु मिव मादिक दृग पातैं।। नैंक प्रसन्न दृष्टि पूरण करि-
नहिं मो तन चितयौ प्रमुदा तैं। जय श्रीहित हरिवंश हंस कल गामिनी- भावै सो करहु प्रेम के नातैं।।
खंजन मीन मृगज मद मेटत- कहा कहौं नैननि की बातैं। सुनि सुंदिरी कहाँ लौं सिखई- मोहन वशीकरण की घातैं। बँक निशंक चपल अनियारे- अरूण श्याम सित रचे कहाँ तैं।
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
डरत न हरत परायौ सर्बस- मृदु मधु मिव मादिक दृग पातैं।। नैंक प्रसन्न दृष्टि पूरण करि- नहिं मो तन चितयौ प्रमुदा तैं। जय श्रीहित हरिवंश हंस कल गामिनी- भावै सो करहु प्रेम के नातैं।।
खंजन मीन मृगज मद मेटत | शयन | श्री हित चतुरासी | श्री हित अम्बरीष जी
Khanjan Min Mrgaj Mad Metat- Kaha Kahaun Nainani Ki Baatain. Suni Sundiri Kahaan Laun Sikhi- Mohan Vashikaran Ki Ghaatain. Bank Nishank Chapal Aniyaare- Arun Shyaam Sit Rache Kahaan Tain. Darat Na Harat Paraayau Sarbas- Mrdu Madhu Miv Maadik Drg Paatain.. Naink Prasann Drshti Puran Kari- Nahin Mo Tan Chitayau Pramuda Tain. Jay Shrihit Harivansh Hans Kal Gaamini- Bhaavai So Karahu Prem Ke Naatain.. Khanjan Min Mrgaj Mad Metat- Kaha Kahaun Nainani Ki Baatain. Suni Sundiri Kahaan Laun Sikhi-आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं