खंजन मीन मृगज मद मेटत भजन

खंजन मीन मृगज मद मेटत भजन

खंजन मीन मृगज मद मेटत-
कहा कहौं नैननि की बातैं।
सुनि सुंदिरी कहाँ लौं सिखई-
मोहन वशीकरण की घातैं।
बँक निशंक चपल अनियारे-
अरूण श्याम सित रचे कहाँ तैं।
डरत न हरत परायौ सर्बस-
मृदु मधु मिव मादिक दृग पातैं।।
नैंक प्रसन्न दृष्टि पूरण करि-
नहिं मो तन चितयौ प्रमुदा तैं।
जय श्रीहित हरिवंश हंस कल गामिनी-
भावै सो करहु प्रेम के नातैं।।
खंजन मीन मृगज मद मेटत-
कहा कहौं नैननि की बातैं।
सुनि सुंदिरी कहाँ लौं सिखई-
मोहन वशीकरण की घातैं।
बँक निशंक चपल अनियारे-
अरूण श्याम सित रचे कहाँ तैं।
डरत न हरत परायौ सर्बस-
मृदु मधु मिव मादिक दृग पातैं।।
नैंक प्रसन्न दृष्टि पूरण करि-
नहिं मो तन चितयौ प्रमुदा तैं।
जय श्रीहित हरिवंश हंस कल गामिनी-
भावै सो करहु प्रेम के नातैं।।

खंजन मीन मृगज मद मेटत | शयन | श्री हित चतुरासी | श्री हित अम्बरीष जी

Khanjan Min Mrgaj Mad Metat-
Kaha Kahaun Nainani Ki Baatain.
Suni Sundiri Kahaan Laun Sikhi-
Mohan Vashikaran Ki Ghaatain.
Bank Nishank Chapal Aniyaare-
Arun Shyaam Sit Rache Kahaan Tain.
Darat Na Harat Paraayau Sarbas-
Mrdu Madhu Miv Maadik Drg Paatain..
Naink Prasann Drshti Puran Kari-
Nahin Mo Tan Chitayau Pramuda Tain.
Jay Shrihit Harivansh Hans Kal Gaamini-
Bhaavai So Karahu Prem Ke Naatain..
Khanjan Min Mrgaj Mad Metat-
Kaha Kahaun Nainani Ki Baatain.
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