मेरे साहिब हैं रंगरेज चुनर मोरी रंग डारी

मेरे साहिब हैं रंगरेज चुनर मोरी रंग डारी लिरिक्स

मेरे साहिब हैं रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।
स्‍याही रंग छुड़ाये कै रे, दियो मजीठा रंग,
धोए से छूटे नहीं रे, दिन दिन होत सुरंग,
मेरे साहिब हैं रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।

भाव सरोवर नेह के जल में,  प्रेम रंग दई बोर,
भाव सरोवर नेह के जल में,  प्रेम रंग दई बोर,
दुःख सुख मेल छुड़ाय दियो रे, रंगी खूब झकझोर,
प्रेम रंग दई बोर, रंगी खूब झकझोर,
मेरे साहिब हैं रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।

सतगुरू ने चुनरी रंगी रे, प्रीतम चतुर सुजान,
सब कुछ उन पर वार दूँ सखी, तन मन और प्राण,
प्रीतम चतुर सुजान, तन मन और प्राण,
मेरे साहिब हैं रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।

कह कबीर रंगरेज गुरू रे, मुझ पर हुए दयाल,
शीतल चुनरी ओढ़ सखी री, मैं भी भई निहाल,
साहिब हुए दयाल, मैं  भई निहाल,
मेरे साहिब हैं रंगरेज, चुनर मोरी रंग डारी।

मेरे साहेब हैं रंगरेज | Mere Saheb Hai Rangrez | Sant Kabirdas Ji | Shree Hita Ambrish Ji

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