पाती लेके श्याम की, उद्धव जी गए आय, पाती राधा के तुरंत, दीन्हीं हाथ थमाय।
पाती पढ़ के राधा के यूँ, पाती पढ़ के राधा के यूँ, बरसे ऐसे नैन, के मानो, यमुना में बाढ़ आ गई, यमुना में बाढ आ गई।
पढ़कर के पाती राधा रोई, नैनन की निंदिया हाय खोई,
बोली मन मोहन के जैसा मैने, हरज़ाई देखा नहीं कोई, परसों की कह के बरसों बीते, कर डाला बेचैन, के मानों, यमुना में बाढ़ आ गई, यमुना में बाढ आ गई।
दर्शन की मैं तो हूँ दिवानी, सूरत कान्हाँ की मन लुभानी, प्यारे मन मोहन ने उधो मेरी, बिलकुल कदर ना जानी, बिरह सतावे नींद ना आवे, तड़पत हूँ दिन रैन, के मानों, यमुना में बाढ़ आ गई,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
यमुना में बाढ आ गई।
आएँगे जो ना साँवरिया, लेंगे अगर ना ख़बरिया, उधो कहना श्याम से तुम जाके, रो रो हो जाऊँ बाँवरिया, श्याम विरह के गीत बिजेंद्र, लिखते लेकर पैन, के जानों, के समझों, के मानों, यमुना में बाढ़ आ गई, यमुना में बाढ आ गई।
पाती पढ़ के राधा के यूँ, पाती पढ़ के राधा के यूँ,
बरसे ऐसे नैन, के मानो, यमुना में बाढ़ आ गई, यमुना में बाढ आ गई।