दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं

दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं


ये जो मेरे हृदय में गूंज रहे,
मेरे प्राणों में समाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ना द्वारका में ना गिरिराज में,
ना बंसी की उस तान में,
ना मंदिर की घंटियों में,
ना वैकुंठ की शान में।

वे तो बैठे हर दुखी के मन में,
हर अश्रु में छाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ये जो मेरे हृदय में गूंज रहे,
मेरे प्राणों में समाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ना भोग मांगे ना योग मांगे,
ना कोई आरती की लौ,
ना सोने चांदी के थाल मांगे,
ना मणियों की कोई शोभा हो।

वे तो बस एक प्रेम की भाषा,
मन से सुनने आए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ये जो मेरे हृदय में गूंज रहे,
मेरे प्राणों में समाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

वे तो हर भूखे के निवाले में,
हर दीन की श्वास में छाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ये जो मेरे हृदय में गूंज रहे,
मेरे प्राणों में समाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ना योगियों के ध्यान में,
ना ऋषियों की साधना में,
ना हिमालय की चोटियों पर,
ना तीर्थों की यात्रा में।

वे तो गिरते अश्रु की बूंद में,
टूटी उम्मीदों के साए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

ये जो मेरे हृदय में गूंज रहे,
मेरे प्राणों में समाए हैं,
वे आनंद में झूमते,
दुखियों के देव मुझसे मिलने आए हैं।

भगवान किसी बाहरी आडंबर, मंदिर, तीर्थ या धन संपत्ति में नहीं बल्कि हर दुखी, असहाय और प्रेम से भरे हृदय में निवास करते हैं। वे किसी भोग या योग की कामना नहीं करते हैं वे केवल प्रेम और सच्ची भावना से पुकारे जाने पर ही आते हैं। वे भूखों के निवाले में, दुखियों के आंसुओं में और टूटे हुए दिलों में समाए हैं। भगवान की वास्तविक उपस्थिति साधु संतों की साधना से अधिक, जरूरतमंदों के कष्ट और उनके आंसुओं में दिखाई देती है। प्रेम, करुणा और सच्ची भक्ति ही जीवन का आधार है। हर हर महादेव। यह भजन महादेव की उस करुणामयी छवि को समर्पित है, जो किसी बड़े यज्ञ या भव्य आरती में नहीं, बल्कि प्रेम और सच्ची भक्ति में बसते हैं। भोलेनाथ न धन-संपत्ति के भूखे हैं, न दिखावे की पूजा के… वे तो बस सच्चे हृदय की पुकार सुनने आते हैं।


दुखियों के देव मुझसे मिलने आए | शिव भजन | Krishna Bhajan | Shiv Bhajan | महादेव भजन | Bhajan 2025

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