पिया गए परदेस सखी री सावन भजन

पिया गए परदेस सखी री सावन बीता जाए भजन

कालंद्री कल कल करे,
बोलत कोयल मोर,
पनघट पंछी बुलाते,
आवो नवल किशोर।
बैरिन भई घटा सावन की,
बरस बरस तरसाये,
पिया गए परदेस सखी री,
सावन बीता जाए।

कोयल बोली, सावन आया,
काली घटा ने जल बरसाया,
खबर पिया की कोइ ना लाया,
झूले पड़ गए वृन्दावन में,
झूला मोको कौन झुलाये,
पिया गए परदेस सखी री,
सावन बीता जाए।

सूना सावन सूने नैना,
सूना श्याम बिना अब रहना,
कोई दिल की बात सुने ना,
कोयल पपीहा बैठ कदम पर,
गीत मल्हार सुनाये,
पिया गए परदेस सखी री,
सावन बीता जाए।

काली घटा बिरज में छाई,
तीज हरियाली लेकर आई,
बिरज की लता पता हरषाई,
सांवन बीत गए बहुतेरे,
मधुर श्याम नहीं आये।
पिया गए परदेस सखी री,
सावन बीता जाए।
श्रेणी : कृष्ण भजन 

सावन बीता जाए - राधा कृष्ण जी का सुपरहिट भजन - Madhur kishore das @Saawariya

Kaalandri Kal Kal Kare,
Bolat Koyal Mor,
Panaghat Panchhi Bulaate,
Aavo Naval Kishor.
Bairin Bhi Ghata Saavan Ki,
Baras Baras Tarasaaye,
Piya Gae Parades Sakhi Ri,
Saavan Bita Jae. 
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