आओ गोरा के लाला मेरे घर में करो उजाला
आओ गोरा के लाला मेरे घर में करो उजाला
सिद्धि विनायक घर में पधारो,घर में तुम्हारा स्वागत है।
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला,
संग तुम्हारे रहे लक्ष्मी,
पिता हैं डमरुँ वाला रे,
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला।
सिद्धि विनायक तुम हो देवा,
सब विगनो को दूर करो,
सब से पहले पूजे आप को,
अन्न धन से भरपूर करो,
जिस पर दृष्टि दया की डाली,
घर कंचन कर डाला रे,
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला।
शुभ और लाभ के मालिक हो तुम,
देवों के महाराजा हो,
रंक को राजा पल में करते,
राजाओं के राजा हो,
पल पल गिरी पुकारे तुमको,
पीये प्रेम का प्याला रे
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला।
कब से अँखियाँ तरस रही हैं,
दर्शन तेरे करने को,
अब तो आजा गनपत राजा,
भक्तों के दुःख हरने को,
जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पे,
तुमने संकट काटा रे
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला।
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला,
संग तुम्हारे रहे लक्ष्मी,
पिता हैं डमरुँ वाला रे,
आओ गोरा के लाला,
मेरे घर में करो उजाला।
आओ गौरा के लाल तुम्हे आज बुलवा देते है | Khushboo Radha | Ganesh Chaturthi Special Bhajan 2025
श्रेणी : श्री गणेश भजन (Shri Ganesh Bhajan) : सभी गणेश जी के भजन देखें।
Siddhi Vinaayak Ghar Mein Padhaaro,
Ghar Mein Tumhaara Svaagat Hai.
Aao Gora Ke Laala,
Mere Ghar Mein Karo Ujaala,
Sang Tumhaare Rahe Lakshmi,
Pita Hain Damarun Vaala Re,
Aao Gora Ke Laala,
Mere Ghar Mein Karo Ujaala.
Ghar Mein Tumhaara Svaagat Hai.
Aao Gora Ke Laala,
Mere Ghar Mein Karo Ujaala,
Sang Tumhaare Rahe Lakshmi,
Pita Hain Damarun Vaala Re,
Aao Gora Ke Laala,
Mere Ghar Mein Karo Ujaala.
"सिद्धिविनायक घर में पधारो" भजन भगवान गणेश के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और प्रेममयी पुकार को व्यक्त करता है, जो उन्हें सिद्धियों का दाता और विघ्नहर्ता मानकर अपने जीवन में उनकी कृपा की याचना करता है। भक्त गणेश जी को गौरा (पार्वती) के लाल और डमरूधारी शिव के पुत्र के रूप में संबोधित करते हुए उन्हें अपने घर में पधारने और जीवन को सुख, समृद्धि और प्रकाश से भर देने की प्रार्थना करता है। यह भजन गणेश जी को शुभ और लाभ का स्वामी, देवों का महाराजा और रंक को राजा बनाने वाला सर्वशक्तिमान बताता है, जो भक्तों के सभी संकटों को पल में हर लेते हैं। भक्त की आँखें उनके दर्शन के लिए तरस रही हैं, और वह विश्वास रखता है कि गणेश जी की दया की दृष्टि से उसका घर कंचन (स्वर्ण) की तरह चमक उठेगा। यह भजन भक्त को गणेश जी की भक्ति में लीन होने, उनके प्रति निष्ठा रखने और जीवन की हर बाधा से मुक्ति पाने की प्रेरणा देता है, जिससे मन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संचार होता है।
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