हारे का है तू ही सहारा हार के दर तेरे आया हूँ

हारे का है तू ही सहारा हार के दर तेरे आया हूँ

सांवरिया, साँवरिया,
हारे का है तू ही सहारा,
हार के दर तेरे आया हूँ,
अपना लो मुझको साँवरिया,
जग का मैं ठुकराया हूँ।

दुखड़ों में मुझको घेर लिया,
अपनों ने भी मुख फेर लिया,
कोई आस दिखे ना अब मुझको,
यह सोच के मैं घबराया हूँ,
हारे का है तू ही सहारा,
हार के दर तेरे आया हूँ,
अपना लो मुझको साँवरिया,
जग का मैं ठुकराया हूँ।

दुनियाँ में कोई नहीं मेरा,
मुझको तो आसरा अब तेरा,
दुखियों को गले से लगाते हो,
यह सुनके मैं भी आया हूँ,
हारे का है तू ही सहारा,
हार के दर तेरे आया हूँ,
अपना लो मुझको साँवरिया,
जग का मैं ठुकराया हूँ।

इस जग को मैंने जान लिया,
सब रिश्तों को पहचान लिया,
शिव कहता है मेरा कोई नहीं,
मैं शरण तुम्हारी आया हूँ,
हारे का है तू ही सहारा,
हार के दर तेरे आया हूँ,
अपना लो मुझको साँवरिया,
जग का मैं ठुकराया हूँ।

हारे का है तू ही सहारा,
हार के दर तेरे आया हूँ,
अपना लो मुझको साँवरिया,
जग का मैं ठुकराया हूँ।
भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन

हारे का है तू ही सहारा | Hare Ka Sahara | Sanjay Gulati - Saawariya New Song

Saanvariya, Saanvariya,
Haare Ka Hai Tu Hi Sahaara,
Haar Ke Dar Tere Aaya Hun,
Apana Lo Mujhako Saanvariya,
Jag Ka Main Thukaraaya Hun.

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