जाना है मुझे माँ के दर भजन

जाना है मुझे माँ के दर पे सुनो बाग के माली भजन

(मुखड़ा)
जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली,
पहन जिसे खुश हो जाए,
मेरी मैया शेरावाली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली।।

(अंतरा)
भांत-भांत के फूल और कलियाँ,
चुन बगिया से लाना,
श्रद्धा के धागे में प्रेम की,
सुई से फूल सजाना,
मुँह माँगा तुझे दाम मैं दूँगा,
मुँह माँगा तुझे दाम मैं दूँगा,
बात नहीं डर वाली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली।।

गेंदा, गुलाब, चमेली, चंपा,
मरुआ और गुलदावरी,
सूरजमुखी, रात की रानी,
मोतिया, जूही, कचनारी,
चंदन, कमल, मोगरा संग में,
चंदन, कमल, मोगरा संग में,
लाजवंती मतवाली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली।।

पहने जब माला मेरी माँ,
सुख-अमृत बरसा दे,
‘कँवल सरल’ से भक्तों की,
सोई तक़दीर जगा दे,
खिल जाए ‘लख्खा’ के मन की,
खिल जाए ‘लख्खा’ के मन की,
मुरझाई जो डाली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली।।

(पुनरावृत्ति)
जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली,
पहन जिसे खुश हो जाए,
मेरी मैया शेरावाली,
मेरी माँ के लिए,
माला पिरो दे अजब निराली।।
 


JANA HAI MUJHE I DEVI BHAJAN I LAKHBIR SINGH LAKKHA I [Full Song] I MERI MAA KE LIYE
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