तेरे चरणों में सांवरिया सिल्वर जुबली हो गई Tere Charano Me Sanwariya
कीर्तन का शौक चढ़ा था, अब आदत हो गई, तेरे चरणों में सांवरिया, सिल्वर जुबली हो गई।
शुरुआत याद जब आती, तो आंखे नम हो जाती, तुम सामने बैठ के सुनते, तुमसे ही लौ लग जाती, फिर रोज रोज का आना, हिदायत हो गई, तेरे चरणों में सांवरिया, सिल्वर जुबली हो गई।
दिन में भजनों को लिख के, हम मन मन ही दोहराएं, इंतज़ार करते थे, कब रात हो मंदिर जाए, वो पल पल श्याम धणी की, इबादत हो गई, तेरे चरणों में सांवरिया, सिल्वर जुबली हो गई।
बाबा पच्चीस वर्षों में, मैंने जो कुछ भी पाया, वो सब तेरी किरपा है, तूने ही प्यार लुटाया, पप्पू शर्मा को, आप से उल्फत हो गई, तेरे चरणों में सांवरिया, सिल्वर जुबली हो गई।
कीर्तन का शौक चढ़ा था, अब आदत हो गई, तेरे चरणों में सांवरिया, सिल्वर जुबली हो गई।