माँ की महिमा अपरंपार भगत

माँ की महिमा अपरंपार भगत के कष्ट मिटाती है

माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है,
कष्ट मिटाती है,
माँ दुखड़े दूर भगाती है,
माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।।

कटरा में वो वास है करती,
होके सिंह सवार,
बाणगंगा का अमृत पानी,
सबका करे उद्धार,
कठिन चढ़ाई तुम भी चढ़ लो,
कठिन चढ़ाई तुम भी चढ़ लो,
हो जाए बेड़ा पार,
माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।।

हमने सुना, तू भेद न करती,
रखती सबका मान,
देखे न राजा, न रंक को,
सब हैं एक समान,
भाव से तुम भी माँ को मना लो,
भाव से तुम भी माँ को मना लो,
पूरी करती आस,
माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।।

ध्यानु ने पूजा, श्रीधर पूजे,
पूजे तेरा नंदलाल,
देवी-देवता मंगल गावे,
करें तेरी जयकार,
'शंकर' तेरे भजन है गाता,
'शंकर' तेरे भजन है गाता,
रख दो सिर पे हाथ,
माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।।

माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है,
कष्ट मिटाती है,
माँ दुखड़े दूर भगाती है,
माँ की महिमा अपरंपार,
भगत के कष्ट मिटाती है।।


Maa Ki Mahima Aprampaar || Shankar Yadav || Latest Mata Rani Bhajan 2024
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