मातारानी का दरबार सजाया है

मातारानी का दरबार सजाया है

मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।

आई दुनियां त्याग के मैया की शरण में,
सच्चा सुख और चैन है मैया के चरण में,
सेवा करूँ दिन रात तेरी,
पूजा करूँ दिन रात तेरी,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।

विनती है हमारी कल्याण करो माँ,
सदा अपने भक्तों पर ध्यान धरो माँ,
हमारे हर पल करना रखवाली,
जगत जननी माता तू शेरावाली,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।

मातारानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है,
दुख को हरे झोली भरे,
दयालू है मेरी माँ,
माता रानी का दरबार सजाया है,
दूर दूर से भक्तों को बुलाया है।
 

माता रानी का दरबार सजाया है Mata Rani Ka Darbar Sajaya Hai I Devi Bhajan I TRIPTI SHAKYA I Navratri

Mata Rani Ka Darabaar Sajaaya Hai,
Dur Dur Se Bhakton Ko Bulaaya Hai,
Dukh Ko Hare Jholi Bhare,
Dayaalu Hai Meri Maan,
Maata Raani Ka Darabaar Sajaaya Hai,
Dur Dur Se Bhakton Ko Bulaaya Hai.
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