मुझे माता मिल गई थी पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते

मुझे माता मिल गई थी पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते

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मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

अंधे से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पे,
तुझे नेत्र मैं ही दुँगी,
तुझे नेत्र मैं ही दुँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफा में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

कोढ़ी से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पै,
तुझे काया मैं ही दुँगी,
तुझे काया मैं ही दूँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफ़ां में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

निर्धन से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पे,
तुझे माया मैं ही दुँगी,
तुझे माया मैं ही दुँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफा में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

बाँझन से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पे,
तुझे बेटा मैं ही दुँगी,
तुझे बेटा मैं ही दुँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफा में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

कन्या से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पे,
तुझे घर वर मैं ही दुँगी,
तुझे घर वर मैं ही दुँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफा में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।

भक्तों से कह रही थी,
कभी आना मेरे भवन पे,
तुम्हे दर्शन मैं ही दुँगी,
तुम्हे दर्शन मैं ही दुँगी,
गुफा में बैठे बैठे,
गुफा में बैठे बैठे,
मुझे माता मिल गई थी,
पहाड़ों पे चढ़ते चढ़ते,
पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते,
मुझे माता मिल गई थी।
 
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Read More : Mata Rani Bhajan)


नवरात्री स्पेशल माता भजन - मुझे माता मिल गईं थी पहाड़ो पे चढ़ते चढ़ते || Mujhe Mata Mil Gayi Thi

Mujhe Maata Mil Gai Thi,
Pahaadon Pe Chadhate Chadhate,
Pahaadon Pe Chadhate Chadhate,
Pahaado Pe Chadhate Chadhate,
Mujhe Maata Mil Gai Thi.

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