प्रभु मैंने तुम्हे पार किया तुम मोहे पार

प्रभु मैंने तुम्हे पार किया तुम मोहे पार करो

केवट ने जब प्रभु श्रीराम को,
नाँव से नदी के पार किया,
उतराई जब प्रभु देने लगे,
उसने इंकार किया।

प्रभु मैंने तुम्हें पार किया,
तुम मोहें पार करो,
अपने चरणों की धूलि से,
अपने चरणो की धूलि से,
मेरा उद्धार करो,
प्रभु मैनें तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।

आप तो अंतर्यामी हो प्रभु जी,
मैं गरीब केवट हूँ,
धन धन भाग हमारे है जो,
आपके इतने निकट हूँ,
अपने चरणों में मेरा,
अपने चरणों में मेरा,
वंदन स्वीकार करो,
प्रभु मैनें तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।

आप ने कितने दीन दुखी,
पीड़ित को तारा है,
निर्धन असहायों के भी,
तो भाग्य सँवारा है,
नहीं चाहिए अन्न धन सोना,
नहीं चाहिए अन्न धन सोना,
बस बेड़ा पार करो,
प्रभु मैनें तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।

प्रभु मैनें तुम्हें पार किया,
तुम मोहें पार करो,
अपने चरणों की धूलि से,
अपने चरणो की धूलि से,
मेरा उद्धार करो,
प्रभु मैनें तुम्हें पार किया,
तुम मोहे पार करो।

भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)

श्रीराम केवट मिलन भजन || प्रभु मैंने तुम्हें पार किया || गायक पं सुनील पाठक || तबला रामध्यान गुप्ता

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